मुंबई: देश में कोरोना (COVID-19) की दूसरी लहर से टेंशन हैं. इस बीच सभी राज्य कोरोना संक्रमण को नियंत्रण में रखने के लिए कई तरह के प्रतिबंध लगा चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा महाराष्ट्र (Maharashtra) में देखने को मिल रहा है. महाराष्ट्र में कोरोना की रफ्तार बेकाबू होती जा रही है, जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने सख्ती बढ़ गई है, लेकिन कोरोना की रफ्तार को देखते हुए अब संपूर्ण लॉकडाउन की संभावनाएं बढ़ रही हैं. बीते दिनों मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने इसके संकेत दिए थे. सीएम उद्धव का कहना था कि राज्य में लोग गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रहे हैं, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने लॉकडाउन (Lockdown) की तैयारी के निर्देश दिए हैं, लेकिन अब लॉकडाउन के खिलाफ आवाज उठ रही है. COVID-19: भारत में कोविड-19 के 56,211 नए मामले आए.
महाराष्ट्र में कई जिलों ने अपने स्तर पर पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है. संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यों के अधिकारियों को पूर्ण लॉकडाउन के ऑप्शन खुले रखने के निर्देश दिए थे. इस बीच अभी पूरे राज्य में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है. लेकिन कोरोना की बढ़ती रफ्तार के चलते पूर्ण लॉकडाउन की संभावना भी दिखाई दे रही है.
सीएम उद्धव जहां लॉकडाउन के पक्ष में हैं तो वहीं उनकी सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक लॉकडाउन का विरोध कर रहे हैं. नवाब मलिक ने कहा, हम एक और लॉकडाउन नहीं झेल सकते हैं, इसलिए मुख्यमंत्री से अन्य ऑप्शन पर विचार करने की अपील की है. उन्होंने कहा, लॉकडाउन को टाला भी जा सकता है, अगर लोग नियमों का पालन करें.
वहीं विपक्षी पार्टी बीजेपी भी संपूर्ण लॉकडाउन का विरोध कर रही है. महाराष्ट्र बीजेपी के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि कोरोना संकट को रोकने के लिए अब लॉकडाउन कोई उपाय नहीं है. उन्होंने कहा कि सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि हर आम आदमी, व्यापारी ऐसे किसी फैसले का विरोध करेगा.
बता दें कि इससे पहले एनसीपी नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा था कि अगर लोग नियम नहीं मानते हैं तो सरकार लॉकडाउन लगाने से हिचकेगी नहीं. ऐसे में यह साफ है कि सरकार कोरोना के खतरे को देखते हुए लॉकडाउन पर विचार कर रही है.