मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लगभग सभी सीटों के रुझान आ गए हैं. ताजा रुझानों के अनुसार राज्य में भारतीय जनता पार्टी-शिवसेना गठबंधन एक बार फिर से सत्ता में वापसी कर रही है. वहीं महाराष्ट्र विधानसभा के इस चुनाव में सीएम फडणवीस सरकार में कई मंत्रियों को हार का मुंह देखना पड़ा है. जिसमें राम शिंदे, विजय शिवतारे, बाला भेगडे, अर्जुन खोतकर के साथ ही पंकजा मुंडे (Pankaja Munde) का नाम शामिल हैं. जिन्हें परली सीट से हार का मुंह देखना पड़ा. उन्हें उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) ने चुनाव में शिकस्त देकर चुनाव हराया है. खबरों की माने तो पंकजा को मिली इस करारी हार के बाद वे मीडिया के सामने भावुक होकर रोने लगी.
परली सीट से फडणवीस सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे जहां चुनाव लड़ रही थी. वहीं उन्हें शिकस्त देने के एनसीपी ने धनंजय मुंडे को चुनाव मैदान में उतारा था. परली से पंकज मुंडे को जीत मिल सके गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी ने प्रचार किया था. इसके बाद भी पंकजा मुंडे अपने पिता की पुश्तैनी सीट को बचा पाने में नाकामयाब हुई और उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. यह भी पढ़े: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: पंकजा मुंडे समेत फडणवीस सरकार के इन छह मंत्रियों की चली गई सीट, जनता ने नाकारा
बता दें कि परली सीट उनके दिवंगत पिता गोपीनाथ मुंडे की थी. एक तरह से परली सीट मुंडे की पुश्तैनी सीट मानी जाति थी. वे इस सीट से चुनाव लड़ते थे. लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने परली सीट से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद बीजेपी ने इस सीट से उनकी बड़ी बेटी पंकजा मुंडे को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा था. वह इस सीट से चुनाव जीतने में कामयाब रही. बीजेपी ने पंकजा को एक बार फिर से 2014 में इस सीट से टिकट दिया जो वह इस बार भी वे चुनाव जीतने में कामयाब रही और मंत्री बनी. हालांकि कि यह और बात है कि फडणवीस सरकार में उनके खिलाफ चिक्की घोटाले को लेकर भ्रष्टाचार का आरोप लगा. जिसको लेकर पार्टी के साथ ही उन्हें भी बदनामी का सामना करना पड़ा.