मुंबई: महाराष्ट्र में बीते पांच साल में 2264 महिलाओं के लापता होने की रिपोर्ट है. राज्य विधानसभा में आज यह जानकारी दी गई. मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने एक लिखित जवाब में बताया कि लापता महिलाओं में 298 नाबालिग लड़कियां हैं. मुख्यमंत्री के पास राज्य के गृह विभाग का भी प्रभार है.
सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मंगल प्रभात लोढ़ा एवं अन्य ने इस संबंध में एक प्रश्न किया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि गुमशुदा महिलाओं की संख्या बढ़ी हुई प्रतीत होती है क्योंकि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार किसी नाबालिग के लापता होने की स्थिति में अपहरण का मामला दर्ज किया जाता है.
उन्होंने बताया कि 2013 से 18 साल से कम उम्र की 5056 महिलाओं के लापता/अपहरण की रिपोर्ट की गयी. इनमें से 4758 महिलाओं का पता चल गया. मुख्यमंत्री ने बताया कि इसी समय अवधि में 18 साल से ऊपर की 21,652 महिलाओं के लापता होने की रिपोर्ट की गयी इनमें से 19,686 का पता लगा लिया गया. सीएम फड़णवीस ने बताया कि लापता लोगों की तलाश के लिए मानक संचालन अभ्यास (एसओपी) तैयार किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लापता बच्चों की तलाश के लिये trackthemissingchild.gov.in, mumbaipolice.gov.in, shodh.gov.in वेबसाइट का इस्तेमाल किया जाता है.
उन्होंने बताया, ‘‘राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) और महाराष्ट्र अपराध 2016 रिपोर्ट के अनुसार मानव तस्करी के 10 मामले दर्ज किये गये हैं जिनमें 53 पीड़ित शामिल हैं.’’ इसके अनुसार बच्चों के खिलाफ उत्पीड़न के 8518 मामले दर्ज किये गए हैं जिनमें पीड़ितों की संख्या 8908 है.