मुंबई: हिंदू धर्म में पत्नी को पति की अर्धांगिनी कहा जाता है, जिसका सरल शब्दों में अर्थ है पत्नी पति के शरीर का आधा अंग होती है. शास्त्रों के अनुसार घर अगर रथ है तो पति, पत्नी उसके दोनों पहिए होते है. अगर एक पहिया ठीक से ना चले तो घर नहीं चल पाता है. दरअसल हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्योकि महाराष्ट्र के नासिक में 100 से अधिक पत्नी पीड़ित पुरुष जमा हुए और अपनी-अपनी जिंदा पत्नियों का पिंडदान किया. साथ ही पिशाचनी मुक्ति पूजा भी की. इससे पहले वाराणसी में भी करीब 50 से ज्यादा पतियों ने ऐसा ही कुछ किया था और अपनी जिंदा पत्नियों का पिंडदान करवाया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नासिक में करीब 100 लोगों ने अपनी जिंदा पत्नियों का पिंडदान किया. उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि वे समाज को उनकी प्रताड़ना के बारे में बता सकें. इस मौके पर पंडित भी मौजूद थे जो पूरे विधि विधान के साथ वैदिक मंत्र पढ़ रहे थे. बताया जा रहा है सभी पतियों ने विधिवत पूजा-अर्चना के बाद गोदावरी नदी में पिंड अर्पित किए.
#PindadaanOfWives #PishachiniMuktiPuja event performed by husbands turned #MensRights Activists of Vaastav Foundarion, Mumbai at Nashik, Ram Ghat to do #Pindadaan of their dead marital relationship with wives.#JaiShreeRam 🙏🌺#FakeCases#GenderBiasedLaws#FeminismIsCancer pic.twitter.com/BCjVC5ZQ2e
— Vaastav Foundation (@vaastavngo) October 7, 2018
यह पूरी प्रक्रिया वास्तव फाउंडेशन के जरिए से की गई. यहां पहुंचे एक पति ने बताया कि हम सब अपनी जिंदा पत्नियों का पिंडदान कर पिशाचनी मुक्ति पूजा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि हमारी पत्नियों ने हमें इतना प्रताड़ित किया है कि उसकी याद भी हमें हराती हैं. उन बुरी यादों से मुक्ति के लिए हमने पिशाचनी मुक्ति पूजा की है.
वास्तव फाउंडेशन के अध्यक्ष अमित देशपांडे ने कहा, 'शादी के वक्त सात फेरे लेकर दंपती एक साथ रहने की कसमें खाते हैं. लेकिन कुछ ही दिनों में दोनों के बीच छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा होने लगता है. एक दिन रिश्ता तलाक तक पहुंच जाता है. फिर दंपती को कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ते हैं. ऐसे मामलों में समाज ज्यादातर महिलाओं का समर्थन करता है.’
#Pindadaanofwives at #Nashik by @vaastavngo paying homage to the wives who by filling fake cases indirectly calling of #deadrelation @UN @UNHumanRights @PTI_News @ANI @BBCWorld @MumbaiMirror @JagratiShukla29 pic.twitter.com/iPDgZpHCRn
— 🇮🇳Satyamev Jayate🇮🇳 (@SataymevJ) October 7, 2018
उन्होंने आगे कहा कि, 'कई बार पुरुषों की गलती नहीं होती है. फिर भी उन्हें जेल जाना पड़ता है. ऐसे में विवाहित पुरुषों की प्रताड़ना सामने लाने के लिए जीवित पत्नियों का पिंडदान कराया गया." आपको बता दें की हिंदू धर्म में दिवंगत रिश्तेदारों का पिंडदान कराया जाता है.
गौरतलब हो कि वास्तव फाउंडेशन प्रताड़ित हो चुके पतियों को उनका हक दिलाने के लिए काम करती है. इससे पहले फाउंडेशन ने वाराणसी में भी पिंडदान करवाया था. इसके जरिए सरकार से पुरुष आयोग बनाने की मांग की जा रही है.