
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में हर दिन करोड़ों श्रद्धालु स्नान और दर्शन के लिए आ रहे हैं. इतनी बड़ी भीड़ के बीच स्वच्छता बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार और निजी एजेंसियां एक विशाल सफाई अभियान चला रही हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार और नगर निगम की ओर से मेला क्षेत्र को साफ रखने के लिए 1 करोड़ लीटर से अधिक सफाई घोल का उपयोग किया जा चुका है. इसके अलावा, 1.5 लाख शौचालयों की सफाई के लिए बेंगलुरु विश्वविद्यालय की उन्नत ऑक्सीडेशन तकनीक (Advanced Oxidation Technology) अपनाई गई है.
13 जनवरी को महाकुंभ के आरंभ होने के बाद से, अधिकारियों ने मेला क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखने के लिए 3.5 लाख किलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर, 75,600 लीटर फिनाइल और 41,000 किलोग्राम मैलाथियान सहित बड़ी मात्रा में सफाई एजेंट तैनात किए हैं, जहां अब तक 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आ चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिए हैं कि सभी सफाई सामग्री इको-फ्रेंडली होनी चाहिए.
हर दिन 650 मीट्रिक टन कचरे का निपटान
शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात के अनुसार, कुम्भ क्षेत्र में 650 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन निपटाया जा रहा है. इसके लिए प्रयागराज के बसवार प्लांट में विशेष प्रबंधन प्रणाली लागू की गई है. गीले कचरे के निपटान के लिए 350 सक्शन मशीनें तैनात की गई हैं. नदियों को प्रदूषित होने से बचाने के लिए 3 अस्थायी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) लगाए गए हैं.
स्वच्छता की निगरानी के लिए विशेष टीमें तैनात
डॉक्टरों, पर्यवेक्षकों और क्षेत्रीय अधिकारियों की विशेष टीमें लगातार सफाई व्यवस्था पर नजर रख रही हैं. इसके अलावा सफाई कर्मियों को सुरक्षा उपकरण और स्वच्छता किट दी गई हैं. स्वच्छता नोडल अधिकारी आकांक्षा राणा के अनुसार, 70,827 लीटर सफाई घोल और 70,582 लीटर फिनायल वितरित किया गया है.
सफाई कर्मियों के लिए बेहतर सुविधाएं
पहली बार सफाई कर्मचारियों के लिए मॉडल कॉलोनियां बनाई गई हैं, जिनमें स्वच्छ पेयजल, बिजली, शौचालय, प्राथमिक स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र की व्यवस्था की गई है. मजदूरी सीधे बैंक खाते में जमा हो रही है, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई है. स्वच्छता कर्मियों को मुफ्त भोजन मिल रहा है. इसके साथ ही स्वास्थ्य, जीवन और दुर्घटना बीमा की सुविधा भी दी गई है.
महाकुंभ 2025 की स्वच्छता व्यवस्था अब तक की सबसे व्यापक योजना मानी जा रही है. 1 करोड़ लीटर से अधिक सफाई घोल, लाखों किलो ब्लीचिंग पाउडर और हजारों सफाई कर्मियों की मेहनत से कुम्भ क्षेत्र को स्वच्छ और सुरक्षित रखा जा रहा है.