Mahakumbh 2021: हरिद्वार में आस्था का महाकुंभ अगले साल, उत्तराखंड सरकार को इस धार्मिक आयोजन के लिए वित्त मंत्रालय ने दी 375 करोड़ रुपए की मंजूरी
उत्तराखंड के हरिद्वार में अगले साल यानी 2021 में आस्था के महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा. उत्तराखंड सरकार को महाकुंभ की शानदार तैयारी के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से 375 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली है. बताया जा रहा है कि जनवरी 2021 में आयोजित होने वाले आस्था के इस महाकुंभ देशभर से करीब 10 करोड़ भक्त हरिद्वार पहुंच सकते हैं.
नई दिल्ली: प्रयागराज (Prayagraj) के संगम (Sangam) क्षेत्र में साल 2019 में आस्था के महाकुंभ (Mahakumbh) के संपन्न होने के बाद अब देवभूमि उत्तराखंड (Uttarakhand) में महाकुंभ 2021 (Mahakumbh 2021) की तैयारियां शुरू हो गई हैं. उत्तराखंड के हरिद्वार (Haridwar) में अगले साल यानी 2021 में आस्था के महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा. उत्तराखंड सरकार को महाकुंभ की शानदार तैयारियां करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से 375 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली है. बताया जा रहा है कि जनवरी 2021 में आयोजित होने वाले आस्था के इस महाकुंभ में देशभर से करीब 10 करोड़ भक्त हरिद्वार पहुंच सकते हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा उत्तराखंड सरकार को 375 करोड़ रुपए आवंटित करने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) का आभार व्यक्त किया है.
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बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए राज्य का बजट जारी करते हुए महाकुंभ की तैयारी के लिए 1,205 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की थी. बताया जा रहा है कि हरिद्वार महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर करीब 60 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. यह भी पढ़ें: कुंभ 2019: इस वजह से 12 वर्षों बाद लगता है कुंभ मेला, पवित्र स्नान से धुल जाते है सारे पाप
त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने घोषणा करते हुए कहा कि यह राशि अगले साल होने वाले भव्य और हरे महाकुंभ के आयोजन के लिए समर्पित है. हरे रंग का जिक्र करते हुए उन्होंने पर्यावरण के अनुकूल किए जाने वाले तमाम उपायों के बारे में बताया. गौरतलब है कि पर्यावरण का ख्याल रखते हुए गंगा नदी के किनारे स्थित मेला क्षेत्र में आने-जाने के लिए श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए इलेक्ट्रिक बसें, ई-रिक्शा, ई-स्कूटर और ई-बाइक की व्यवस्था की जाएगी.