Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 का हो गया आगाज, संगम नगरी प्रयागराज में उमड़ा आस्था का सैलाब; पौष पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी (Watch Video)

यूपी के प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन ''महाकुंभ 2025'' आज 13 जनवरी से शुरू हो गया है. पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाई.

Mahakumbh 2025: यूपी के प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन ''महाकुंभ 2025'' आज 13 जनवरी से शुरू हो गया है. पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाई. इस बार का महाकुंभ खास है क्योंकि यह दुर्लभ खगोलीय संयोग के साथ आयोजित हो रहा है, जो हर 144 साल में आता है. इस आयोजन के लिए गंगा और यमुना नदी के किनारे आठ नए स्थायी घाट बनाए गए हैं. 94 करोड़ रुपये की लागत से 10-12 महीनों में बने ये घाट करीब 1.2 लाख श्रद्धालुओं को एक साथ स्नान की सुविधा देंगे.

इनमें से तीन घाट गंगा पर और पांच यमुना पर हैं, जिनमें अरैल घाट सबसे बड़ा और वीआईपी स्नानों के लिए आरक्षित है.

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श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगा रहे हैं

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

पूरा मेला क्षेत्र नो-व्हीकल ज़ोन घोषित

मेला प्रशासन ने इस बार 41 घाटों का निर्माण किया है, जिससे श्रद्धालुओं को स्नान में किसी तरह की असुविधा न हो. खासकर पहले अमृत स्नान, मकर संक्रांति (14 जनवरी), के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. पूरा मेला क्षेत्र नो-व्हीकल ज़ोन घोषित किया गया है. वाहनों के लिए अलग पार्किंग ज़ोन बनाए गए हैं.

1,026 पुलिसकर्मियों की तैनाती

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस और प्रशासन को निर्देश दिया है कि इस धार्मिक आयोजन के दौरान सुरक्षा और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए. प्रयागराज में 102 चेकप्वाइंट और 1,026 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. इसके अलावा, जल मार्ग की निगरानी के लिए बीएसएफ की एक कंपनी को तैनात किया गया है.

45 दिनों तक चलेगा श्रद्धा का यह उत्सव

पहले स्नान पर्व से एक दिन पहले ही 50 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई. वहीं, शनिवार को भी करीब 35 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया. आयोजन के दौरान 45 करोड़ से अधिक लोगों के स्नान करने का अनुमान है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेले में पार्किंग ज़ोन और नज़दीकी घाटों तक पहुंचने के लिए नक्शे जारी किए गए हैं. मेला क्षेत्र में स्वच्छता, बैरिकेडिंग और अस्थाई शौचालयों की भी व्यवस्था की गई है. संगम नगरी में आस्था और श्रद्धा का यह उत्सव अगले 45 दिनों तक चलेगा.

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