छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश), 27 अगस्त: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के एक गांव में शनिवार को गोटमार उत्सव के दौरान 150 से अधिक लोग घायल हो गए जिनमें से तीन की हालत गंभीर है. इस उत्सव में नदी के दोनों किनारों पर लोग एक दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं. यह परंपरा अतीत में एक अपहरण की घटना से जुड़ी है. शादी के दौरान दूल्हे ने स्टेज पर की ऐसी हरकत, गुस्साई दुल्हन ने मारा थप्पड़ और फिर शुरु हो गई हाथापाई (Watch Viral Video)
बताया जाता है कि यह उत्सव लगभग 300 साल पहले शुरू हुआ था, जब पांढुर्ना के एक लड़के ने सावरगांव से अपनी प्रेमिका का अपहरण कर लिया था और उसके साथ नदी पार करते समय दोनों को पत्थरों की बौछार का सामना करना पड़ा. यह किंवदंती है कि इस पर पांढुर्ना गांव के लोग भी दोनों के बचाव में आए और पत्थरबाजी कर प्रेमी-प्रेमिका को सुरक्षित घर ले गए.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव उइके ने कहा, ‘‘उत्सव में कुल 158 लोग घायल हुए. उनमें से तीन की हालत गंभीर है और उन्हें पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नागपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.’’ इससे पहले सुबह उइके ने बताया था कि इलाके में सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है और पांच से अधिक डॉक्टरों की एक टीम को भी इस आयोजन के लिए लगाया गया है.
उइके के मुताबिक, आयोजन स्थल पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया और कैमरे भी लगाए गए. उन्होंने बताया कि आयोजन स्थल पर दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 लागू की गई.
छिन्दवाड़ा का सालों पुराना जानलेवा गोटमार मेला.. दो तरफ़ से पत्थर बरसते हैं, सैकड़ों होते हैं घायल, कुछ की मौत भी हो चुकी है पिछले सालों में . परंपरा के नाम पर ऐसे बर्बर रिवाज बंद हों @ABPNews #GotMaarMela pic.twitter.com/dCwqmYDJyV
— Brajesh Rajput (@brajeshabpnews) August 27, 2022
गोटमार उत्सव के दौरान जाम नदी के दोनों ओर सावरगांव व पांढुर्ना गांव के लोग एकत्र होते हैं. इस दौरान नदी के बीच में लकड़ी पर फहराए गए झंडे को झपटने के लिए एक-दूसरे के दल पर पथराव करने की होड़ मच जाती है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि पांढुर्ना के ग्रामीणों ने इस साल के त्योहार के दौरान झंडा हथियाने में कामयाबी हासिल की और उन्हें विजेता घोषित किया गया. पिछले कुछ वर्षों में त्योहार में लोगों ने अपनी जान गंवाई है और कई लोग घायल हुए हैं.
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