भोपाल: मध्य प्रदेश की एक जिला न्यायालय ने दुष्कर्म के आरोपी को महज दस दिनों सजा सुनाकर एक मिसाल कायम की है. कोर्ट ने सात साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म करनेवाले आरोपी नारायण माली को विभिन्न धाराओं के तहत 43 वर्ष सश्रम कारावास के साथ 3500 रुपए दंड भरने का आदेश दिया.
जानकारी के मुताबिक यह मामला संगीन होने के नाते फास्ट ट्रैक कोर्ट में रखा गया था और महज 10 सुनवाई के बाद ही न्यायालय ने अपना निर्णय सुनाकर घटना के 28 दिन में पीड़ित बच्ची को न्याय दे दिया. कोर्ट ने इस घिनौने अपराध को वीभत्स करार देते हुए आरोपी धुलजी माली को चार अलग-अलग धाराओं के तहत कुल 43 साल की सजा सुनाई.
Madhya Pradesh: Narayan Mali,man convicted for rape of a 7 year old girl was sentenced to 43 years in prison under different sections, by local court in Agar Malwa yesterday
— ANI (@ANI) August 26, 2018
यह घटना गत 29 जुलाई को आगर-मलवा जिले के पिपलोनकलां इलाके में तब हुई जब बच्ची किसी काम से नारायण के दुकान के पास आई थी. इसी दौरान नारायण ने बच्ची से अपनी दुकान में बिस्किट, चॉकलेट का लालच देकर दुष्कर्म किया. इसी वक्त उसकी दुकान पर एक ग्राहक आ गया जिसने नारायण को दुष्कर्म करते देख लिया और बच्ची के पिता को इसकी जानकारी दे दी.
वहीं पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने तेजी दिखाई और 50 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार कर लिए. महज चार दिन के भीतर जांच पूरी कर आरोपित के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. इसके बाद लगातार हुई सुनवाई में नारायण को दोषी मानते हुए निर्णय सुनाया गया. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विधि सक्सेना ने इस घटना को वीभत्स और अनपेक्षित कृत्य मानते हुए कहा कि आरोपी ने अबोध बच्ची को असहनीय पीड़ा पहुंचाई. इस लिए आरोपी को कठोर सजा देना जरुरी है.