मध्य प्रदेश में 'जय किसान ऋण मुक्ति योजना' के तहत कर्जमाफी शुरू, सीएम कमलनाथ ने कहा- 55 लाख किसानों को होगा फायदा

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि कर्जमाफी मध्य प्रदेश के अर्थव्यवस्था में एक इन्वेस्टमेंट है.

मध्य प्रदेश में किसानों की कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू (Photo Credit: Twitter CMMadhyaPradesh)

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कमलनाथ (Kamal Nath) सरकार ने मंगलवार को किसानों की कर्जमाफी योजना की शुरुआत की. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे 'जय किसान ऋण मुक्ति योजना' का नाम दिया है. भोपाल (Bhopal) के नजदीक बरखेड़ीकला के एक किसान प्रेमनारायण से पहला फॉर्म भरवाकर इस योजना की शुरुआत की गई. सीएम कमलनाथ ने कहा कि ये योजना किसानों और मध्य प्रदेश के लिए मील का पत्थर साबित होगी. उन्होंने कहा कि हमने इस योजना में किसी मुख्यमंत्री या व्यक्ति का नाम नहीं दिया है और इसी के तहत इस योजना से मुख्यमंत्री नाम हटाया जा रहा है. अब से इसे 'जय किसान ऋण मुक्ति योजना' कहा जाएगा. कमलनाथ ने कहा कि कर्जमाफी मध्य प्रदेश के अर्थव्यवस्था में एक इन्वेस्टमेंट है.

कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है. अर्थव्यवस्था की नींव किसान ही है. किसानों को सशक्त बनाना है. उन्होंने कहा कि 'जय किसान ऋण मुक्ति योजना' का लाभ मध्य प्रदेश के 55 लाख किसानों को मिलेगा. सभी किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया जाएगा. 22 फरवरी से किसानों के खाते में राशि पहुंचना शुरू हो जाएगी. इस योजना के तहत किसानों का 50 हजार करोड़ का फसल ऋण माफ होगा. यह भी पढ़ें- जन्मदिन पर मायावती ने कार्यकर्ताओं से मांगा जीत का तोहफा, कहा- पुराने मतभेद भूलकर SP-BSP के सभी प्रत्याशियों को जिताएं

मध्य प्रदेश कैबिनेट ने ‘मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना’ के तहत किसानों का दो लाख रुपये तक का ऋण माफ करने के प्रस्ताव को 5 जनवरी को मंजूरी दी थी. इस योजना में के तहत 12 दिसम्बर 2018 तक ऋण लेने वाले करीब 55 लाख किसान लाभान्वित होंगे. पहले 31 मार्च 2018 तक के ऋणी कृषकों को इसमें शामिल किया गया था, जिसका बीजेपी और किसानों ने विरोध किया था.

मध्य प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पी. सी. शर्मा और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने संयुक्त रूप से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया था कि इस योजना में पहले 31 मार्च 2018 तक के ऋणी कृषकों को शामिल किया गया था, लेकिन अब 12 दिसम्बर 2018 तक ऋण लेने वाले किसानों को भी इस दायरे में लाया गया है और वे भी इससे लाभांवित होंगे. उन्होंने बताया कि किसानों को 22 फरवरी 2019 से ऋणमुक्ति प्रमाण-पत्र और किसान सम्मान-पत्र दिए जाएंगे.

 

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