Lok Sabha Speaker Election: के सुरेश होंगे विपक्ष के उम्मीदवार, राहुल गांधी बोले सरकार ने नहीं मानी बात
Rahul Gandhi (Photo Credit: ANI)

नई दिल्ली, 25 जून : केरल से कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश लोकसभा में विपक्ष की ओर से अध्यक्ष के पद के उम्मीदवार बनाए गए हैं. इसके साथ ही अध्यक्ष पद को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच दूरियां स्पष्ट हो गई हैं. विपक्ष का कहना है कि वह लोकसभा अध्यक्ष पद पर सरकार का समर्थन करने को तैयार थे लेकिन उनकी मांग थी कि सरकार बदले में डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दे.

मंगलवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संसद परिसर में कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष पद पर बात करने के लिए विपक्ष से संपर्क किया था. राहुल के मुताबिक विपक्ष, लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सत्ता पक्ष का समर्थन करने के लिए राजी था. उन्होंने कहा कि हमने सभी लोगों से बात की. पूरे विपक्ष ने कहा हम लोकसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को समर्थन करेंगे, लेकिन शर्त यह है कि उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह परंपरा रही है और पहले की सरकारों में ऐसा हुआ है. राहुल के मुताबिक यह बात राजनाथ सिंह को बता दी गई थी. राजनाथ सिंह ने कहा था कि वह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इस विषय पर कॉल करेंगे. लेकिन कल से अब तक उनका कोई कॉल नहीं आया. यह भी पढ़ें : Lok Sabha Speaker Election: लोकसभा अध्यक्ष पर NDA से विपक्ष की नहीं बनी बात, ओम बिरला के बाद इंडिया ब्लॉक ने के. सुरेश को मैदान में उतारा

राहुल गांधी ने कहा, प्रधानमंत्री ने कहा है कि विपक्ष को कंस्ट्रक्टिवली सरकार का सहयोग करना चाहिए. राजनाथ सिंह का कांग्रेस अध्यक्ष को फोन आया था. इस पूरे विपक्ष ने स्पीकर पद पर सरकार को समर्थन की बात कही है, लेकिन परंपरा के मुताबिक डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दिया जाना चाहिए. इस बात पर राजनाथ सिंह ने कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष को फिर से फोन करेंगे. अभी तक उनका फोन नहीं आया. यह हमारे नेता का अपमान है. उनकी नीयत साफ नहीं है. नरेंद्र मोदी जी कोई कंस्ट्रक्टिव सहयोग नहीं चाहते हैं. उपाध्यक्ष पद विपक्ष को मिलना चाहिए था. हमने सरकार से कहा था यदि परंपरा का पालन किया जाता है तो हम लोकसभा अध्यक्ष को लेकर सरकार का समर्थन करेंगे. राहुल गांधी ने कहा कि यूपीए के समय में हमने विपक्ष को उपाध्यक्ष का पद दिया था.

राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते कुछ हैं और करते कुछ और. यही इनका फार्मूला है और यही उनकी रणनीति है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के शब्दों का कोई मतलब नहीं है. बाहर प्रधानमंत्री कहते हैं कि आपसी सहयोग होना चाहिए, सबको मिलकर काम करना चाहिए लेकिन अंदर कुछ और करते हैं.

वहीं संसद में राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद बाहर निकले कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार डिप्टी स्पीकर पद के लिए बाद में विचार करने की बात कह रही है जबकि वह स्पीकर पद के नामांकन फॉर्म पर अभी हस्ताक्षर करने को कह रही है. विपक्ष को यह मंजूर नहीं है. हम लोकसभा स्पीकर के लिए अपना उम्मीदवार उतार रहे हैं.