Lawrence Bishnoi Interview: पुलिस हिरासत में लॉरेंस बिश्नोई को इंटरव्यू के लिए स्टूडियो जैसा माहौल दिया गया! HC ने पंजाब सरकार को लगाई फटकार
न्यायालय ने बिश्नोई के पुलिस हिरासत में एक निजी चैनल को दिए गए इंटरव्यू को 'अपराध की महिमा' के तौर पर देखा है. कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस ने बिश्नोई को 'स्टूडियो जैसा माहौल' मुहैया कराया, जिससे अपराध की महिमा बढ़ी.
नई दिल्ली: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सोमवार को माफिया सरगना लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू को लेकर पंजाब सरकार पर कड़ी टिप्पणी की है. न्यायालय ने बिश्नोई के पुलिस हिरासत में एक निजी चैनल को दिए गए इंटरव्यू को 'अपराध की महिमा' के तौर पर देखा है. कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस ने बिश्नोई को 'स्टूडियो जैसा माहौल' मुहैया कराया, जिससे अपराध की महिमा बढ़ी.
उच्च न्यायालय की सख्त कार्रवाई
जस्टिस अनुपिंदर सिंह और लपीता बनर्जी ने यह भी बताया कि "पुलिस अधिकारियों ने एक आपराधिक तत्व को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का उपयोग करने की अनुमति दी और उसे इंटरव्यू के लिए स्टूडियो जैसा वातावरण प्रदान किया, जिससे अपराध को महिमामंडित करने की प्रवृत्ति बढ़ती है." न्यायालय ने यह भी कहा कि इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता से यह संकेत मिलता है कि अपराधी या उसके सहयोगियों से अवैध लाभ प्राप्त किया जा सकता है.
नए जांच की आवश्यकता
कोर्ट ने एक नई जांच का आदेश दिया, जिसमें तीन सदस्यीय टीम का नेतृत्व प्रबोध कुमार, विशेष पुलिस महानिदेशक, करेंगे. कुमार ने अदालत को बताया कि उनके पास इस जांच का कार्य नहीं है, लेकिन उनकी आपत्ति को नजरअंदाज कर दिया गया. अदालत ने SIT से यह आदेश दिया कि वह आपराधिक साजिश, उकसाने और जालसाजी के आरोपों की जांच करे और छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करे.
लॉरेंस बिश्नोई का आपराधिक इतिहास
लॉरेंस बिश्नोई, जिन पर पंजाब में अकेले 71 आपराधिक मामले हैं, जिसमें से चार मामले आतंकवाद विरोधी कानून UAPA के अंतर्गत आते हैं, पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में भी संदिग्ध हैं. कोर्ट ने कहा कि बिश्नोई का इंटरव्यू एक सुरक्षा उल्लंघन था, और पुलिस की ओर से आठ महीने में दी गई "असमाप्त रिपोर्ट" पर भी नाराजगी जताई.
युवाओं पर प्रभाव
जस्टिस ने कहा कि इन इंटरव्यू की ऑनलाइन उपलब्धता ने 12 मिलियन से अधिक व्यूज हासिल किए हैं. इससे युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है, और कानून-व्यवस्था में गिरावट या अपराध की वृद्धि राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी असर डाल सकती है.