केरल के कवलप्परा गांव में तूफानी बारिश के बाद भूस्खलन, 65 लापता, बचाव अभियान प्रभावित

यहां से 50 किलोमीटर दूर स्थित कवलप्परा गांव गुरुवार रात तक चर्चाओं से कोसों दूर था, लेकिन तीन दिन बाद भारी बरसात ने इस क्षेत्र में कहर बरपाया. 45 घर 50 फीट मिट्टी, कीचड़ के अंदर जमींदोज हो गए और अब 65 लोग लापता बताए जा रहे हैं. सैकड़ों स्वयंसेवक रविवार को, सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम में शामिल हो गए क्योंकि उन्होंने बचाव कार्य शुरू कर दिया.

भूस्खलन (Photo Credits : IANS)

मलप्पुरम : यहां से 50 किलोमीटर दूर स्थित कवलप्परा गांव गुरुवार रात तक चर्चाओं से कोसों दूर था, लेकिन तीन दिन बाद भारी बरसात ने इस क्षेत्र में कहर बरपाया. 45 घर 50 फीट मिट्टी, कीचड़ के अंदर जमींदोज हो गए और अब 65 लोग लापता बताए जा रहे हैं. दो पुलों और संपर्क मार्ग को बुरी तरह नुकसान पहुंचने के बाद 75 एकड़ का इलाका पिछले तीन दिनों से आसपास के इलाकों से कट गया है, जिससे बचाव अभियान बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.

अधिकारियों ने हालांकि, निवासियों से बारिश शुरू होने के बाद इस क्षेत्र को खाली करने के लिए कहा था, लेकिन अधिकांश ने वहां बने रहने का फैसला किया. बड़े पैमाने पर आए भूस्खलन में बच निकलने में कायमयाब रहे एक दुखी निवासी ने कहा, "मोटे अनुमान के अनुसार, 63 ग्रामीण और दो लोग जो बाहर से आए थे, वे लापता हैं. हम कोई और अनुमान नहीं लगाना चाहते हैं."

यह भी पढ़ें : बाढ़ और बारिश ने मचाई भीषण तबाही, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात में अबतक 100 से अधिक मौतें

सैकड़ों स्वयंसेवक रविवार को, सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम में शामिल हो गए क्योंकि उन्होंने बचाव कार्य शुरू कर दिया.

एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने कहा, "हम कल क्षेत्र में पहुंचे, लेकिन आज सुबह ही काम शुरू हो सका क्योंकि भारी बारिश ने हमें घटनास्थल पर पहुंचने से रोक दिया. जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए हम पहले उन जगहों पर ध्यान दे रहे हैं, जहां कभी घर खड़े थे." अपने परिवार के आठ सदस्यों को खो देने वाले सुनील ने कहा, "मेरा भाई, मेरी बेटी और मैं ही जीवित हूं. यह सब एक शोर के साथ एक झटके में खत्म हो गया."

Share Now

\