Lakhimpur Kheri Violence: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने की घटना की निष्पक्ष जांच की मांग, जानिए लखीमपुर खीरी हिंसा पर क्या बोले अजय मिश्र
Lakhimpur Kheri Violence: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की दर्दनाक मौत के बाद ये मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. विपक्ष के निशाने पर आए बीजेपी नेता और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी ने अपने बेटे का बचाव करते हुए कहा है कि घटना स्थल पर मेरा बेटा आशीष मिश्र नहीं था.
Lakhimpur Kheri Violence: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की दर्दनाक मौत के बाद ये मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. विपक्ष के निशाने पर आए बीजेपी नेता और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी ने अपने बेटे का बचाव करते हुए कहा है कि घटना स्थल पर मेरा बेटा आशीष मिश्र नहीं था. अगर वो वहां होता तो जिंदा नहीं बच पाता.
मीडिया से बातचीत में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र ने कहा कि, वहां पहले ही बवाल हो रहा था. कार ड्राइवर हमले के बाद घायल हो गया जिसके चलते संतुलन बिगड़ा और ये हादसा हो गया. Priyanka Gandhi ने PM Modi से पूछा, बिना ऑर्डर-FIR के मुझे 28 घंटे से हिरासत में रखा है, जबकी किसानों को कुचलने वाले की गिरफ्तारी अब तक नहीं, क्यों?
अजय मिश्र ने कहा कि, मेरा बेटा कार में नहीं था. कार पर हमला करने के बाद, चालक घायल हो गया, कार अपना संतुलन खो बैठी और वहां मौजूद कुछ लोगों के ऊपर दौड़ गई. मैंने उन लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है जिन्होंने अपनी जान गंवाई है. उन्होंने कहा, इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लखीमपुर घटना से जुड़े एक वीडियो को शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा था कि अन्नदाता को कुचल देने वाला यह व्यक्ति अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं हुआ? कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इस वीडियो को शेयर करते हुए कहा था कि, नरेंद्र मोदी जी आपकी सरकार ने बगैर किसी ऑर्डर और FIR के मुझे पिछले 28 घंटे से हिरासत में रखा है. अन्नदाता को कुचल देने वाला यह व्यक्ति अब तक गिरफ्तार नहीं हुआ. क्यों?
बता दें कि लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन के दौरान सड़क से जा रहे किसानों को कुचल दिया था. इस दर्दनाक घटना का वीडियो भी सामने आया था. इस घटना में चार किसानों सहित 8 लोगों की मौत गई थी.
वहीं दूसरी ओर लखीमपुर खीरी में दो दिनों के बवाल के बाद किसानों और प्रशासन के बीच समझौता हो गया. प्रशासन और किसानों ने बीच जो समझौता हुआ है उसके मुताबिक चार मृतक किसानों के परिवारों को 45-45 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. वहीं, घटना में घायल किसानों को 10-10 लाख रुपये की मदद दी जाएगी. इसके अलावा मृतक के परिवारो में से किसी एक को सरकारी नौकरी भी मिलेगी. वहीं, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज इस पूरे मामले की जांच करेंगे. 8 दिन के अंदर आरोपियों को गिरफ्तारी का भरोसा दिया गया है.