Kumbh 2019: पहली बार हुई किन्नर अखाड़े की पेशवाई, ऊंट, हाथी और रथ पर निकली शोभा यात्रा
प्रयागराज कुंभ की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. 15 जनवरी मकर संक्रांति के दिन कुंभ स्नान की शुरुआत होगी और 4 मार्च मार्च तक चलेगी. साधु-संतों के आखाड़े भी जुट गए हैं. रविवार को पहली बार किन्नर अखाड़े की पेशवाई निकाली गई...
प्रयागराज (Prayagraj) कुंभ (Kumbh 2019) की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. 15 जनवरी मकर संक्रांति के दिन कुंभ स्नान की शुरुआत होगी और 4 मार्च तक चलेगी. यहां साधु-संतों के अखाड़े भी जुट गए हैं. रविवार को पहली बार किन्नर अखाड़े की पेशवाई निकाली गई. यह पेशवाई देखने लायक थी. इसे देखने के लिए सड़कों और छतों पर लोगों की भीड़ जमा हो गई थी.
यात्रा में सबसे आगे महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी (Laxmi Narayan Tripathi) तलवार लेकर ऊंट पर बैठी थीं. उनके अलावा अखाड़े की पीठाधीश्वर प्रभारी उज्जैन की पवित्रा माई, उत्तर भारत की महामंडलेश्वर भवानी मां, अन्तर्राष्ट्रीय महामंडलेश्वर डॉक्टर राज राजेश्वरी समेत बड़ी संख्या में किन्नरों ने हिस्सा लिया.
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कुंभ में अब तक 13 अखाड़ों को ही पेशवाई निकालने का अधिकार प्राप्त था. इस बार चौदहवां किन्नर अखाड़ा भी भाग ले रहा है. सभी अखाड़ों की तरह इसमें भी यज्ञ और पाठ का आयोजन होगा. अभी कुंभ की शुरुआत हुई नहीं है और किन्नर अखाड़े ने इतनी शानदार यात्रा निकाली कि सबकी नजरें उन्हीं पर थम गई थीं.
सभी 13 अखाड़ों की संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) ने पहले किन्नर अखाड़े को मान्यता देने से इनकार कर दिया था. विरोध के बावजूद किन्नर अखाड़े ने यह कहते हुए अर्ध कुंभ में उपस्तिथि दर्ज की कि वह उप देवता हैं. उन्हें किसी से मान्यता की जरूरत नहीं है, उन्हें प्रकृति ने मान्यता दे दी है.