Kumbh Mela 2021: रेलवे का बड़ा फैसला, 11 से 14 अप्रैल तक हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर नहीं रुकेंगी ट्रेनें

एसपी जीआरपी, मंजूनाथ टीसी ने कहा, "12 से 14 अप्रैल तक कुंभ मेले में शाही स्नान के कारण 11 से 14 अप्रैल तक हरिद्वार (उत्तराखंड) रेलवे स्टेशन पर कोई भी ट्रेन नहीं रुकेगी. ज्वालापुर, रुड़की और लक्सर स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका जाएगा. वहां से भक्त को ट्रेन पकड़ सकेंगे. इसके अलावा वहां से बस और फेरी की भी सुविधा उपलब्ध हैं.

Kumbh Mela 2021 (Photo credits: Wikimedia Commons)

हरिद्वार:  कुंभ नगरी हरिद्वार (Haridwar) में होने वाले महाकुंभ (Kumbh Mela) की उत्तराखंड सरकार (Uttrakhand) की ओर शुरुआत एक अप्रैल से हो गई है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने बड़ा फैसला लिया हैं. रेलवे ने 11 से 14 अप्रैल तक हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर किसी भी ट्रेन को नहीं रुकने का फैसला किया है. दूसरा और तीसरा 'शाही स्नान' (Shahi Snan) क्रमशः 12 और 14 अप्रैल को होगा.

एसपी जीआरपी, मंजूनाथ टीसी (Manjunath TC) ने कहा, "12 से 14 अप्रैल तक कुंभ मेले में शाही स्नान के कारण 11 से 14 अप्रैल तक हरिद्वार (उत्तराखंड) रेलवे स्टेशन पर कोई भी ट्रेन नहीं रुकेगी. ज्वालापुर, रुड़की और लक्सर स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका जाएगा. वहां से भक्त को ट्रेन पकड़ सकेंगे. इसके अलावा वहां से बस और फेरी की भी सुविधा उपलब्ध हैं.

11 से 14 अप्रैल तक हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर नहीं रुकेंगी ट्रेनें

बता दें कि पहले उत्तराखंड के मुख्य सचिव की ओर से रेलवे बोर्ड को पूर्व में एक पत्र भेजा गया था. इसमें मुख्य सचिव ने कोरोना के दृष्टिगत शाही स्नानों से दो दिन पहले ट्रेनों का संचालन न करने का अनुरोध किया था. अप्रैल में 12, 14 और 27 अप्रैल को तीन शाही स्नान होने वाला है. इन शाही स्नानों पर बड़ी संख्या में देशभर से श्रद्धालुओं के हरिद्वार आने की संभावना है. भीड़ नियंत्रण को रेलवे प्रशासन की ओर से अतिरिक्त ट्रेन संचालन की योजना थी.

प्रदेश सरकार ने हाल हाल ही में रेलवे प्रबंधन से कुंभ के शाही स्नानों के दौरान अतिरिक्त ट्रेन देने का अनुरोध किया था. इससे अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को स्नान के बाद गंतव्य तक वापस भेजा जा सके. हरिद्वार में 11 मार्च को हुए महाशिवरात्रि स्नान पर श्रद्धालुओं की भीड़ होने पर उत्तराखंड सरकार के अनुरोध पर रेलवे प्रशासन की ओर से चार अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था भी की गई थी.

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