संयुक्त राष्ट्र, 29 अप्रैल : केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने कहा कि कोविड-19 महामारी (Covid-19 Epidemic) ने डिजीटल विभाजन को सामने ला दिया है और समतामूलक समाज के अहम घटक के तौर पर डिजीटल पहुंच के बारे दुनिया का नया दृष्टिकोण स्थापित किया है. उन्होंने ‘डिजीटल कोऑपरेशन एंड कनेक्टिविटी : होल ऑफ सोसायटी अप्रोचेस टू एंड द डिजीटल डिवाइड’ पर संयुक्त राष्ट्र की उच्च स्तरीय चर्चा में कहा, ‘‘2020 में कोविड-19 वैश्विक महामारी के साल में दुनिया ने इस गति से डिजीटल परिवर्तन देखा जैसा कि पहले कभी नहीं देखा गया.’’
प्रसाद ने कहा, ‘‘महामारी ने समाज के सामने प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका को फिर से सामने रखा कि हम कैसे काम करें, सीखें और जिंदगी जिएं.’’ मंगलवार को इस उच्च स्तरीय कार्यक्रम को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए प्रसाद ने कहा, ‘‘महामारी ने न केवल डिजीटल विभाजन के मुद्दे को सामने लाकर रख दिया बल्कि समतामूलक समाज के अहम घटक के तौर पर डिजीटल पहुंच के हमारे नये दृष्टिकोण को सामने रखा.’’ यह भी पढ़ें : COVID-19 Vaccination: कोरोना वैक्सीनेशन के लिए CoWin App पर पहले ही दिन 1.32 करोड़ से अधिक लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन
प्रसाद ने कहा कि प्रौद्योगिकी का मतलब समानता की स्थापना करना है न कि विभाजन करना. उन्होंने कहा कि दुनिया की लगभग आधी आबादी के पास हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड नहीं है और वह वर्चुअल प्लेटफॉर्म, टेली मेडिसिन, दूरस्थ शिक्षा और ई-पेमेंट की पहुंच से वंचित है. संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव एमिना मोहम्मद ने महासभा की उच्च स्तरीय चर्चा में कहा कि दुनिया की लगभग आधी आबादी महिलाओं की है और सबसे ज्यादा विकासशील देशों में हैं जो अब भी इंटरनेट की पहुंच से दूर है.