दिल्ली में किसानों का आंदोलन खत्म, स्मृति स्थल पर खत्म हुई क्रांति पदयात्रा
बता दें कि प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपना मार्च 10 दिन पहले हरिद्वार से शुरू किया था और मंगलवार को वे उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर पहुंचे थे, जहां उन्हें रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी
नई दिल्ली. दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर हरिद्वार से चली किसान क्रांति यात्रा देर रात खत्म हो गई. देर रात में ही पहले किसान घाट आए और उसके बाद आंदोलन खत्म करके अपने घर लौट रहे हैं. वहीं इस खबर से दिल्ली और एनसीआर के लोगों ने राहत की सांस ली है. इसके साथ ही NH 24 को दोनों तरफ वाहनों के लिए खोल दिया गया है. मंगलवार को किसानों और सुरक्षाबलों के बीच जमकर हंगामा हुआ था.
फिलहाल कुछ किसान अपनी मांग को लेकर अभी भी दिल्ली अड़े में हैं. उनका कहना है मांग पूरी न होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. सुरक्षा के लिहाज से अभी भी पूरे इलाके में पुलिस व्यवस्था चाकचौबंध है. गाजीपुर में स्कूल आज भी बंद रखे गए हैं. खबरों की माने तो भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं.
बता दें कि प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपना मार्च 10 दिन पहले हरिद्वार से शुरू किया था और मंगलवार को वे उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर पहुंचे थे, जहां उन्हें रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. जब हजारों किसानों ने दिल्ली में प्रवेश की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर ही रोक दिया और उनकी पुलिस से झड़प हो गई, जिसमें कई किसान घायल हो गए. इस दौरान पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े.
क्या हैं किसानों की मांगे?
किसान सरकार से कर्जमाफी, फसल का सही दाम और सस्ती दरों पर बिजली चाहते हैं. किसान लगातार सरकार पर उनके प्रति लापरवाही का आरोप लगाते आ रहें हैं कि सरकार द्वारा उन्हें फसल की वाजिब कीमत नहीं मिल पा रही है. साथ ही आंदोलनकारी किसान मृतक किसानों के परिवार के लिए पुर्नवास की भी मांग कर रहे हैं.