कीर्ति चक्र से सम्मानित CRPF के जाबांज ऑफिसर चेतन चीता की कोरोना से तबियत बिगड़ी, AIIMS में वेंटिलेटर पर रखे गए

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जाबांज अधिकारी चेतन चीता (Chetan Cheetah) की तबीयत बिगड़ गई है. चेतन चीता को कोरोना संक्रमण होने के चलते इलाज के लिए हरियाणा के झज्जर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है. वह पिछले कई दिनों से एम्स झज्जर में एडमिट है.

CRPF कमांडेंट चेतन चीता (Photo Credits: Facebook)

नई दिल्ली: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जाबांज अधिकारी चेतन चीता (Chetan Cheetah) की तबीयत बिगड़ गई है. चेतन चीता को कोरोना संक्रमण होने के चलते इलाज के लिए हरियाणा के झज्जर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है. वह पिछले कई दिनों से एम्स झज्जर में एडमिट है. लेकिन कुछ दिनों से उनका ऑक्सीजन लेवल गिरता जा रहा है, जिसके बाद डॉक्टरों ने वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखने का निर्णय लिया. डॉक्टरों की टीम लगातार चेतन चीता के स्वास्थ्य की निगरानी कर रही हैं. देश में 17 करोड़ से अधिक नागरिकों को लग चुकी कोरोना की कम से कम एक वैक्सीन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कीर्ति चक्र से सम्मानित चेतन चीता अचानक बीमार पड़ गए. उनके ऑक्सीजन लेवल में उतार-चढ़ाव हो रहा है. एम्स के संबंधित अधिकारियों द्वारा चेतन चीता को आवश्यक चिकित्सा सहायता दी जा रही है. वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी चेतन चीता के हालचाल को लेकर एम्स के डॉक्टरों से बातचीत की है. उन्होंने कहा कि वह बहादुर और लड़ाकू हैं और पिछली बार की तरह जल्द ही स्वस्थ होकर लौट आएंगे. बता दें कि सीपीआरएफ के कमांडेंट चेतन चीता को वीरता के लिए कीर्ति चक्र से नवाजा गया है.

सीआरपीएफ के कमांडेट चेतन चीता को आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान अदम्य साहस के लिए शांति के दौरान दिए जाने वाले दूसरे सबसे बड़े वीरता पदक कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें 14 फरवरी 2017 को कश्मीर के बांदीपोरा में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान नौ गोलियां लगी थी, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने गोलीबारी जारी रखी और एक आतंकी को ढेर कर दिया.

बताया जाता है कि तब मौत को पटखनी देने वाले इस जांबाज जवान को हाथ, पैर, कुल्हे और पेट में गोलियां लगीं थी, जबकि सिर और चेहरे पर छर्रे लगे थे. यहां ताकि की दायीं आंख भी बुरी तरह जख्मी हो गई थी. बुरी तरह से जख्मी सीआरपीएफ कमांडेट चेतन चीता का एम्स के 100 डॉक्टरों की टीम ने इलाज किया. वहां 51 दिन एडमिट रहने के बाद जिंदगी की जंग जीत ली और फिर से बुलंद हौसले के साथ ड्यूटी ज्वाइन की.

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