शिमला: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के कुल्लू जिले में स्थित भारत की सबसे कठिन यात्राओं में से एक किन्नर कैलाश यात्रा (Kinner Kailash Yatra) खराब मौसम और भारी बर्फबारी के कारण सालभर के लिए स्थगित कर दी गई है. यह यात्रा समुद्र तल से 6,050 मीटर ऊंचाई पर स्थित चट्टान से निर्मित भगवान शिव के 40 फुट ऊंचे शिवलिंग को समर्पित है. यहां भयंकर ठंड और ऑक्सीजन की कमी के कारण कई बार श्रद्धालुओं की मौत हो जाती है.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक किन्नर कैलाश यात्रा को ख़राब मौसम के कारण इस साल के लिए स्थगित कर दिया गया है. इस तीर्थयात्रा में करीब 18 किलोमीटर के दुर्गम मार्ग से पैदल गुजरना होता है. क्योकि यहां कोई घोडा या खच्चर नहीं चल सकता. चोटी पर जाने के लिए किसी तीर्थयात्री को बिना स्वास्थ्य परीक्षण के जाने की अनुमति नहीं है. सुरक्षा की दृष्टि से तीर्थयात्रियों को यात्रा शुरू करने से पहले अपना नाम पुलिस थाने में पंजीकृत कराना पड़ता है और जिला अधिकारी से परमिशन लेनी पड़ती है.
Himachal Pradesh: Due to inclement weather and snow bound trek, Kinner Kailash Yatra to stay suspended for this year.
— ANI (@ANI) July 25, 2019
गौरतलब हो कि पिछले महीने में किन्नौर जिला में प्रशासन की अनुमति के बिना किन्नर कैलाश यात्रा पर गए पांच श्रद्धालुओं में से दो की पार्वती कुंड नामक स्थान पर ठंड लगने से मौत हो गई थी. मृतकों में एक श्रद्धालु हरियाणा के झज्जर व दूसरा कुमारसैन निवासी था. जबकि तीन श्रद्धालुओं को बचा लिया गया था.
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हर साल किन्नर कैलाश यात्रा 1 से 11 अगस्त तक शुरू की जाती है. तीर्थयात्री ऊबड़-खाबड़, ठंडे और दुर्गम मार्ग पर लगभग तीन दिन की पैदल यात्रा पूरी करने के बाद किन्नर कैलाश स्थित शिवलिंग की पूजा करते हैं.