VIDEO: '2047 तक भारत के टुकड़े-टुकड़े करे देंगे', खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू की नई गीदड़भभकी, चीन से अरुणाचल पर कब्जे की अपील

Gurpatwant Singh Pannun New Video: खालिस्तानी अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के जनरल काउंसल गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बार फिर से भारत के विभाजन की मांग की है. एक नए वीडियो में, पन्नू ने भारत के विभिन्न राज्यों जैसे जम्मू-कश्मीर, असम, मणिपुर और नागालैंड में स्वतंत्रता आंदोलनों को भड़काने की धमकी दी है, ठीक वैसे ही जैसे SFJ पंजाब में खालिस्तान के लिए प्रयास करता आ रहा है. पन्नू ने इस मिशन को "SFJ 2024 ONE India To 2047 NONE India" नाम दिया है, जिसमें उनका दावा है कि साल 2047 तक भारत की सीमाएं खत्म कर दी जाएंगी.

चीन से अरुणाचल पर कब्जे की अपील 

इस वीडियो में पन्नू ने दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से इसे वापस लेने की अपील की. उन्होंने कहा, "अब समय है कि चीनी सेना को आदेश दिया जाए कि वह अरुणाचल प्रदेश को वापस ले." यह बयान तब सामने आया जब कनाडा के विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन ने स्पष्ट किया कि कनाडा भारत की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है.

SFJ का खालिस्तान के लिए अभियान 

SFJ लंबे समय से पंजाब में खालिस्तान राज्य बनाने के लिए अनौपचारिक जनमत संग्रह आयोजित करता रहा है, लेकिन इसे भारत में बहुत कम समर्थन मिला है. इसके बावजूद, पन्नू अंतरराष्ट्रीय मान्यता पाने की कोशिश करता रहा है. उसने कनाडा और अमेरिका के कानूनों की सुरक्षा का उपयोग करके खालिस्तान के लिए अपने अभियान को जारी रखने की धमकी दी है.

भारत-कनाडा संबंधों में तनाव 

पन्नू के इस उकसाने वाले बयान की पृष्ठभूमि में भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव भी शामिल है. जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से दोनों देशों के संबंधों में खटास आई. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारतीय एजेंटों की इस हत्या में संभावित संलिप्तता के आरोप ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में और भी तनाव बढ़ा दिया.

नॉर्थ-ईस्ट में अलगाववाद भड़काने की योजना 

पन्नू ने वीडियो में यह भी कहा कि वह पंजाब के अलावा अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी अलगाववाद की लहर फैलाएंगे. उनका लक्ष्य है कि 2047 तक भारत की मौजूदा सीमाओं को "नक्शे से मिटा दिया जाएगा".

यह बयान भारत की सुरक्षा और अखंडता के लिए गंभीर चुनौती उत्पन्न करता है, जबकि भारत सरकार इस तरह की अलगाववादी गतिविधियों को कड़ाई से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है.