Kerala High Court: केरल उच्च न्यायालय ने राजद्रोह मामले में आयशा सुल्ताना को अग्रिम जमानत दी
केरल उच्च न्यायालय ने कवरत्ती पुलिस द्वारा लक्षद्वीप की फिल्मकार आयशा सुल्ताना के खिलाफ दायर राजद्रोह के मामले में शुक्रवार को उन्हें अग्रिम जमानत दे दी. कवरत्ती के रहने वाले एक नेता की ओर से दायर याचिका के आधार पर उनके खिलाफ नौ जून को भारतय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124-ए (राजद्रोह) और 153 बी (घृणा भाषण) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
कोच्चि, 25 जून : केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने कवरत्ती पुलिस द्वारा लक्षद्वीप की फिल्मकार आयशा सुल्ताना के खिलाफ दायर राजद्रोह के मामले में शुक्रवार को उन्हें अग्रिम जमानत दे दी. कवरत्ती के रहने वाले एक नेता की ओर से दायर याचिका के आधार पर उनके खिलाफ नौ जून को भारतय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124-ए (राजद्रोह) और 153 बी (घृणा भाषण) के तहत मामला दर्ज किया गया था. न्यायमू्र्ति अशोक मेनन ने जमानत देते हुए कहा कि उनके बयान में कोई स्पष्ट संकेत नहीं हैं जो राष्ट्र हित के प्रतिकूल लगने वाले आरोपों या दावों जैसे प्रतीत हों न ही यह किसी वर्ग को दूसरे व्यक्तियों के समूह के खिलाफ उकसाते हैं. अदालत ने कहा कि उनको गिरफ्तार किए जाने की सूरत में, उन्हें 50 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानती देने पर जमानत दी जाए जो उन्हें गिरफ्तार करने वाले अधिकारी को उचित लगता हो.
लक्षद्वीप में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सुल्ताना ने अग्रिम जमानत के अनुरोध के साथ केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. पिछले हफ्ते, उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका पर निर्णय सुरक्षित रखते हुए उन्हें एक हफ्ते के लिए अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी. अदालत ने सुल्ताना को मामले में 20 जून को पूछताछ के लिए पेश होने संबंधी कवरत्ती पुलिस के नोटिस का अनुपालन करने का निर्देश दिया था. अदालत ने आदेश दिया कि अगर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है तो उन्हें अंतरिम अग्रिम जमानत दी जाए. फिल्मकार पर आरोप है कि सात जून को मलयालम समाचार चैनल में बहस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र ने लक्षद्वीप के लोगों के खिलाफ जैविक हथियार इस्तेमाल किए हैं. यह भी पढ़ें : Delhi: सीएम अरविंद केजरीवाल का छलका दर्द, कहा- मेरा गुनाह मैं अपने 2 करोड़ लोगों की सांसों के लिए लड़ा
अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान, उनके वकील ने कहा कि सुल्ताना ने अपनी टिप्पणियों को बाद में स्पष्ट किया और बयान के लिए माफी भी मांगी. अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए लक्षद्वीप प्रशासन ने कहा कि सुल्ताना ने ऐसा बयान देकर स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों तक के मन में अलगाववाद एवं सांप्रदायिकता को बढावा दिया है. कवरत्ती पुलिस ने मामले के सिलसिले में सुल्ताना से रविवार, बुधवार और बृहस्पतिवार को पूछताछ की.