Thiruvananthapuram International Airport: केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट को प्राइवेट कंपनी के हाथों में दिए जाने का किया विरोध

मोदी सरकार के कार्यकाल में एक के बाद एक एयरपोर्ट को निजी हाथों में दिया जा रहा है. हालांकि विपक्ष सरकार के इस फैसले का लगातार विरोध कर रही है. लेकिन उसकी बात को दरकिनार किया जा रहा है. देश के कुछ प्रमुख एयरपोर्ट में केरल का त्रिवेंद्रम इंटरनेशनल एयर पोर्ट को एक निजी हाथों को सौंपने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से मंजूरी दी गई है. केंद्र के इस फैसले का राज्य के सीएम विजयन ने विरोध किया है.

पीएम मोदी व सीएम पिनाराई विजयन (Photo Credits PTI/ Facebook)

तिरुवनंतपुरम: मोदी सरकार (Modi Govt) के कार्यकाल में एक के बाद एक एयरपोर्ट को निजी कंपनियों के हाथों में दिया जा रहा है. हालांकि विपक्ष सरकार के इस फैसले का लगातार विरोध कर रही है. लेकिन उसकी बात को दरकिनार किया जा रहा है. देश के कुछ प्रमुख एयरपोर्ट में केरल का त्रिवेंद्रम इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Thiruvananthapuram International Airport) को निजी हाथों को सौंपने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से बुधवार को कैबिनेट मंत्रियों की तरफ एक बैठक हुई. इस बैठक में तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट को नीजी कंपनी के हाथ में देने को लेकर मंजूरी दी गई. केंद्र सरकार के इस फैसले का राज्य के सीएम विजयन ने विरोध किया है.

मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए सीएम पिनाराई विजयन (CM Pinarayi Vijayan) ने पीएम मोदी (PM Modi) के पत्र लिखा है. प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि 'हमारे लिए इस फैसले को लागू करने में सहयोग की पेशकश करना मुश्किल होगा. इसलिए राज्य सरकार चाहती है कि केंद्र सरकार  त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट को निजी कंपनी के हाथ में देने को लेकर अपना फैसला रद्द करें. यह भी पढ़े: West Bengal Revises Lockdown Strategy: कोलकाता एयरपोर्ट पर अगस्‍त में इन दिनों नहीं उड़ेंगी फ्लाइट्स, यहां चेक करें डेट्स

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि मंत्रिमंडल ने पीपीपी मॉडल के माध्यम से जयपुर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डों को पट्टे पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा, ‘‘एएआई ने इन हवाई अड्डों को स्थायी रूप से निजी ऑपरेटर को नहीं दे रहा है. इनके हाथों में सिर्फ 50 साल तक इन हवाई अड्डों को चलाने के लिए दिया जा रहा है. जिसके बाद वे इन एयरपोर्ट्स को फिर से एएआई को सौंप देंगे.’’ इन प्रमुख एअरपोर्ट को चलाने  का जिम्मा अडानी समूह को सौपा गया. हालांकि इससे पहले 3 अन्य हवाई अड्डे अहमदाबाद, लखनऊ और मंगलुरू को अडानी समूह को सौंपने का फैसला केंद्रीय कैबिनेट करीब सालभर पहले ही कर चुकी थी.

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