BRICS Summit 2024: पुतिन और चीनी राष्ट्रपति के सामने पीएम मोदी का आतंकवाद पर जोरदार बयान, कट्टकपंथ पर एक्शन जरूरी!

पीएम नरेंद्र मोदी ने कज़ान, रूस में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान आतंकवाद और उसके वित्तपोषण के खिलाफ एकजुटता का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इस गंभीर मुद्दे पर दोहरी नीतियों का कोई स्थान नहीं है और सभी देशों को युवाओं में कट्टरपंथीकरण को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है.

Kazan Brics Summit 2024, कज़ान, रूस: 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बंद सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद और उसके वित्तपोषण के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "हमें सभी को एकजुट होकर आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए मजबूती से सहयोग करना होगा. इस गंभीर मुद्दे पर दोहरी नीति के लिए कोई स्थान नहीं है. हमें अपने देशों के युवाओं के बीच कट्टरपंथी विचारों की रोकथाम के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए. हमें संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के लंबित मुद्दे पर मिलकर काम करना होगा."

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विभिन्न देशों के नेताओं का स्वागत किया और इस कार्यक्रम को पश्चिमी देशों के वैश्विक प्रभाव को चुनौती देने के प्रयासों का हिस्सा बताया. उन्होंने ब्रिक्स बैठक में अपने उद्घाटन भाषण में सदस्य देशों के बीच वित्तीय सहयोग को गहराई देने की आवश्यकता को रेखांकित किया. पुतिन ने यह भी कहा कि प्रतिभागी क्षेत्रीय संघर्षों को हल करने और ब्रिक्स समूह का विस्तार करने जैसे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

पुतिन ने कहा, "ब्रिक्स की वैश्विक रणनीति मुख्य रूप से वैश्विक समुदाय के एक बड़े हिस्से की आकांक्षाओं के अनुकूल है, जिसे हम वैश्विक बहुमत कहते हैं."

ब्रिक्स गठबंधन, जो पहले ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका तक सीमित था, अब ईरान, मिस्र, इथियोपिया, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब को शामिल कर चुका है. इसके अलावा, तुर्की, अज़रबाइजान और मलेशिया ने औपचारिक रूप से सदस्यता के लिए आवेदन किया है, जबकि कई अन्य देशों ने भी इस समूह में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है.

इस सम्मेलन में की गई चर्चाओं और निर्णयों से न केवल सदस्य देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को भी एक नई दिशा देने का कार्य करेगा. पीएम मोदी का यह आह्वान इस बात का संकेत है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होकर आतंकवाद की चुनौतियों का सामना करना चाहिए.

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