बेंगलुरु, 29 दिसंबर : कर्नाटक पुलिस ने दलित महिला को निर्वस्त्र करके घुमाने के मामले में शुक्रवार को एक नाबालिग सहित दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दरअसल, बेलगावी जिले के वंटामुरी गांव की एक लड़की अपने प्रेमी के साथ चली गई थी. इसके बाद प्रेमिका के परिजनों ने प्रेमी की मां (दलित महिला) के साथ मारपीट की और उसे निर्वस्त्र कर घुमाया था. पुलिस ने आरोपी की पहचान संतोष नायक (19) के रूप में की है और कहा है कि संतोष नायक और नाबालिग लड़के की गिरफ्तारी के साथ, उसने इस मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस ने आरोपियों को आगे की पूछताछ के लिए विशेष विंग आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दिया है. मामले में 13 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. 10 दिसंबर को 42 वर्षीय महिला को उसके घर के बाहर घसीटा गया, न्यूड किया गया और परेड कराई गई. इतना ही नहीं फिर उसे बिजली के खंभे से बांध दिया गया और उसके साथ मारपीट की गई. दरअसल, महिला का बेटा कथित तौर पर गांव की एक लड़की के साथ भाग गया था. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने घटना को रोकने में पुलिस विभाग की विफलता के लिए पहले सरकार की कड़ी आलोचना की थी. यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र आईएस आतंकी मॉड्यूल मामला: एनआईए ने छह के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया
बेंच ने टिप्पणी की थी कि अन्य महिलाओं के बीच भय की कल्पना करें? वे देश में असुरक्षित महसूस करेंगी. ऐसी घटना तो महाभारत में भी नहीं घटी थी. द्रौपदी के पास भगवान कृष्ण थे जो उसकी मदद के लिए आगे आए, लेकिन आधुनिक दुनिया में, इस महिला की मदद के लिए कोई नहीं आया. दुर्भाग्य से, यह दुर्योधन और दुशासन की दुनिया है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि जो ग्रामीण एक दलित महिला को निर्वस्त्र करके न्यूड घुमाए जाने पर मूकदर्शक बने रहे, उन पर सरकार द्वारा जुर्माना लगाया जाना चाहिए, जबकि एकत्रित धन पीड़िता को दिया जाना चाहिए.