![Karnataka Karsevak Arrest: अपराधियों को धार्मिक लेबल देना खतरनाक, कर्नाटक सीएम ने बीजेपी से कहा Karnataka Karsevak Arrest: अपराधियों को धार्मिक लेबल देना खतरनाक, कर्नाटक सीएम ने बीजेपी से कहा](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2023/12/71-1-380x214.jpg)
बेंगलुरु, 3 जनवरी : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक कथित कार सेवक की गिरफ्तारी पर बड़ा विवाद बनने पर प्रेस बयान जारी कर कहा कि अपराधियों को जाति और धार्मिक लेबल देना बेहद खतरनाक है. उन्होंने कहा, ''बीजेपी ने चार साल तक कुशासन और भ्रष्टाचार घोटालों में समय बिताया, लेकिन अचानक हमारी सरकार की उपलब्धियों पर जनता की सकारात्मक प्रतिक्रिया के कारण वे घबराकर जाग उठे हैं. वे अपने बेबुनियाद आरोप को आगे बढ़ाने के लिए हुबली में एक संदिग्ध अपराधी की गिरफ्तारी पर जोर दे रहे हैं. सिद्धारमैया ने कहा, 'जब राज्य में बीजेपी सरकार सत्ता में थी, तब भी लोकायुक्त पुलिस ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को गिरफ्तार किया था और उन्हें जेल भेज दिया गया था, क्या हुबली को येदियुरप्पा से भी बड़े किसी हिंदू या राम भक्त पर संदेह है? तो क्या उस समय सरकार हिंदू विरोधी थी?”
सिद्धारमैया ने सवाल किया,“भाजपा के मूल संगठन के नेताओं ने भी येदियुरप्पा को गिरफ्तार करने वाली सरकार को हिंदू विरोधी नहीं कहा, क्या उन्होंने? अब यह आक्रोश क्यों?”, उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक में भाजपा की स्थिति सौ दरवाजे वाले घर की तरह है और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अपने प्रदेश अध्यक्ष को स्वीकार नहीं किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा में सदस्यों ने विपक्षी नेताओं के बयानों के प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाया. सिद्धारमैया ने आगे कहा कि बीजेपी इतनी शक्तिहीन है कि वह विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल को चेतावनी नोटिस भी जारी नहीं कर सकती, जो हर दिन येदियुरप्पा और उनके बच्चों पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. यह भी पढ़ें : धनशोधन मामले में ईडी की याचिका पर जवाब के लिए अदालत ने वीवो अधिकारियों को समय दिया
उन्होंने कहा, ''कांग्रेस सरकार दिन-ब-दिन लोकप्रिय होती जा रही है. हताशा में, भाजपा नेता एक ऐसे व्यक्ति के इर्द-गिर्द इकट्ठा हो रहे हैं, जिस पर अपराध का संदेह है. ऐसी स्थिति नहीं आनी चाहिए थी, जहां एक राष्ट्रीय पार्टी को एक संदिग्ध अपराधी का बचाव करना पड़े. अगर बीजेपी नेताओं में थोड़ी भी अक्ल है तो उन्हें हुबली के इस व्यक्ति पर लगे आरोपों की सूची पढ़नी चाहिए और फिर तय करना चाहिए कि उसके लिए लड़ना है या नहीं. चूंकि जनसंख्या में हिंदू बहुसंख्यक हैं, इसलिए जेलों में भी वे बहुसंख्यक हैं.सिद्धारमैया ने पूछा, क्या इसका मतलब यह है कि भाजपा को उन सभी के लिए लड़ना चाहिए क्योंकि वे हिंदू धर्म से हैं?”.
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में आपराधिक गतिविधियों में वृद्धि भाजपा के कार्यों और अपराध तथा अपराधियों को जाति तथा धर्म का रंग देने की उनकी प्रवृत्ति के कारण हुई है. “भले ही कोई व्यक्ति जघन्य अपराध करता हो, अगर वह अपने सिर के चारों ओर भगवा शॉल लपेटता है और चिल्लाता है कि वह हिंदू है, तो भाजपा नेता उसके बचाव में दौड़ पड़ते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा,यह न केवल भगवा शॉल का बल्कि हिंदू धर्म का भी अपमान है. यह धर्म के साथ विश्वासघात है, कानून को अपना काम करने दें.'' उन्होंने कहा,“मैं राज्य में भाजपा नेताओं से अपील कर रहा हूं. भगवान और धर्म के नाम पर तुच्छ राजनीति करना बंद करें और एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में कार्य करने का प्रयास करें.”