Karnataka: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है- अमित मालवीय
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अमित मालवीय ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट “एक्स” से एक पोस्ट किया.
नई दिल्ली, 27 जुलाई : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अमित मालवीय ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट “एक्स” से एक पोस्ट किया. पोस्ट में मालवीय ने लिखा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार में पूरी तरह से डूबी हुई है. यहां 15 महीनों के अंदर 1200 किसानों ने आत्महत्या कर ली. लेकिन, प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया 4 हजार करोड़ रुपये के मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) घोटाले से खुद को बचाने में व्यस्त हैं.
मालवीय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पर आगे आरोप लगाते हुए आगे कहा कि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम में 187 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. लगभग 14,000 करोड़ रुपये, जो एससी/एसटी समुदायों के लिए थे उसका दुरुपयोग किया गया है. एससी, एसटी या वाल्मीकि, कांग्रेस ने किसी को भी नहीं बख्शा. यह भी पढ़ें : UP Shocker: सुल्तानपुर में ट्रेन की चपेट में आने से युवक की मौत
इससे पहले मुख्यमंत्री सिद्दैरमैया ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट “एक्स” एक पोस्ट शेयर किया. पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा था कि भाजपा के नेता हताश हैं. बीते साल यहां हुए विधानसभा चुनाव में हमें जनता ने अपना समर्थन दिया. विधानसभा चुनाव में हमने 135 सीटें जीती. इस हार का मंथन करने के बजाय बीजेपी राजनीति से प्रेरित होकर मेरे खिलाफ बयानबाजी करने लगी है. मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है. वे बर्दाश्त नहीं कर सकते कि मैं दूसरी बार मुख्यमंत्री बन गया हूं. उन्होंने कहा कि विधानसभा में सत्ता दल के लोगों ने प्रदेश के मुद्दों पर चर्चा की. लेकिन, विपक्ष ने लोगों की समस्याओं के संबंध में आवाज तक नहीं उठाई.
उन्होंने कहा कि विपक्ष के मन में कोई जनहित नहीं है. दो सप्ताह से उन्होंने केवल वाल्मीकि निगम का मुद्दा उठाया है. वह विधानसभा सत्र का उपयोग सिर्फ मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए कर रहे हैं. मैं 40 साल तक मंत्री रहा हूं और अब तक मुझ पर कोई दाग नहीं लगा है. मेरा राजनीतिक जीवन एक खुली किताब है.
उन्होंने कहा कि कर्नाटक की बीजेपी और जेडीएस यहां लोगों का विश्वास खो चुकी है. पिछली बार की तुलना में लोकसभा चुनाव में अधिक सीटें नहीं जीत सके. हमने पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस चुनाव में 13 फीसदी अधिक वोट हासिल किए हैं.