बेंगलुरु, 9 नवंबर : कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस सरकार को राज्य में तालुक और जिला पंचायत चुनाव कराने के लिए चार सप्ताह के भीतर निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन और आरक्षण को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया.
मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने टीपी तथा जेडपी चुनाव कराने के संबंध में राज्य चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तुत जनहित याचिका पर गौर करते हुए यह आदेश पारित किया. यह भी पढ़ें : बिहार विस ने एससी, एसटी व ओबीसी के लिए आरक्षण सीमा बढ़ाकर 65 फीसदी करने को मंजूरी दी
महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने इस कार्य के लिए अदालत से सरकार को अधिक समय देने की मांग की. पीठ ने जवाब दिया कि चुनाव संवैधानिक दिशानिर्देशों के अनुसार कराने होंगे. पीठ ने कहा, ''पहले ही 10 सप्ताह का समय दिया गया है. पुनर्गठन और आरक्षण का कार्य चार सप्ताह में पूरा करना होगा.''
बेंगलुरु, 9 नवंबर : कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस सरकार को राज्य में तालुक और जिला पंचायत चुनाव कराने के लिए चार सप्ताह के भीतर निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन और आरक्षण को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया.
मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने टीपी तथा जेडपी चुनाव कराने के संबंध में राज्य चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तुत जनहित याचिका पर गौर करते हुए यह आदेश पारित किया. यह भी पढ़ें : बिहार विस ने एससी, एसटी व ओबीसी के लिए आरक्षण सीमा बढ़ाकर 65 फीसदी करने को मंजूरी दी
महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने इस कार्य के लिए अदालत से सरकार को अधिक समय देने की मांग की. पीठ ने जवाब दिया कि चुनाव संवैधानिक दिशानिर्देशों के अनुसार कराने होंगे. पीठ ने कहा, ''पहले ही 10 सप्ताह का समय दिया गया है. पुनर्गठन और आरक्षण का कार्य चार सप्ताह में पूरा करना होगा.''