Karnataka: कर्नाटक में पावर बैंक ऐप से 290 करोड़ रुपए की ठगी का मामला आया सामने
साइबर फ्रॉड (Photo Credits: Pixabay)

बेंगलुरु: कर्नाटक (Karnataka) की साइबर (Cyber) अपराध पुलिस ने 'पावरबैंक' (Powerbank) निवेश के नाम पर संचालित हो रहे 290 करोड़ रुपये के हवाला (मनी लॉन्ड्रिंग) घोटाले (Money Laundering) का भंडाफोड़ किया है. आपराधिक जांच विभाग (CID) ने रविवार को यह जानकारी दी. सीआईडी ने कहा है कि इस मामले में अब तक राज्य के एक अधिकारी, दो चीनी नागरिकों (Chinese National) और दो तिब्बतियों (Tibetans) सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. Karnataka: पुलिसकर्मियों ने मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला, आठ कर्मी निलंबित

सीआईडी साइबर क्राइम के पुलिस अधीक्षक एमडी शरथ ने कहा, हवाला घोटाले में शामिल 2 चीनी नागरिकों, 2 तिब्बती और मुखौटा कंपनियों के 5 निदेशकों सहित 9 आरोपियों को कई निवेशकों को धोखा देने के आरोप में आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 420 और आईटी अधिनियम की धारा 66 के तहत गिरफ्तार किया गया है.

जांच के दौरान, साइबर क्राइम के अधिकारियों ने पाया कि केरल का एक व्यवसायी (अनस अहमद) इस घोटाले का मास्टरमाइंड था, जो मनी लॉन्ड्रिंग में चीनी हवाला ऑपरेटरों के साथ काम कर रहा था.

शरत ने एक बयान में कहा, अहमद, जो अभी भी फरार है, ने चीन प्रवास के दौरान एक चीनी महिला से शादी की और फिर उसने चीनी हवाला ऑपरेटरों के साथ संबंध स्थापित किए. उसने काले धन को बाहर निकालने के लिए मुखौटा कंपनियां खोलीं.

इस टेक सिटी में भुगतान समाधान फर्म रेजर पे सॉफ्टवेयर लिमिटेड की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने गेमिंग, सामाजिक और ई-कॉमर्स व्यवसाय में होने का दावा करके इसके समाधान का लाभ उठाया था. साइबर क्राइम विंग ने अहमद के बैंक खातों को सील कर दिया, जिसमें नवंबर 2020 में घोटाला शुरू करने के बाद से 290 करोड़ रुपये थे.

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