मेदिकेरी (कर्नाटक), 18 दिसंबर. कर्नाटक सरकार ने सोमवार को 60 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है जो खांसी, सर्दी और बुखार के साथ ही अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं। उसने पड़ोसी राज्य केरल में कोविड-19 के उप स्वरूप जेएन.1 का एक मामला सामने आने के बाद यह कदम उठाया है। स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडु राव ने यहां पत्रकारों से कहा कि अधिकारियों को ऐसे लक्षण वाले लोगों और संदिग्ध मामलों की जांच तथा सीमावर्ती जिलों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और लोगों की आवाजाही तथा उनके एकत्रित होने पर अभी किसी तरह की पाबंदी की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि सरकार एक परामर्श लेकर आएगी।
राव ने कहा, ‘‘अभी चिंता की कोई बात नहीं है। हमने शनिवार को एक बैठक की थी और डॉ. के रवि की अगुवाई वाली हमारी तकनीकी सलाहाकार समिति ने कल मुलाकात की थी और उठाए जाने वाले कदमों के संबंध में हमारी अधिकारियों तथा विशेषज्ञों के साथ चर्चा हुई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘60 वर्ष से अधिक आयु और हृदय एवं गुर्दे संबंधी बीमारियों तथा खांसी, सर्दी और बुखार से पीड़ित लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है। हम जनता को यह सूचना दे रहे हैं। साथ ही हमने अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों से तैयार रहने को कहा है। कोडागु, दक्षिण कन्नड़, चामराजनगर जैसे सीमावर्ती जिलों में अधिक निगरानी होनी चाहिए जिनकी सीमा केरल से लगती है।’’
राव ने कहा, ‘‘कुछ दिनों में हमें पता चल जाएगा कि संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं या नहीं। कोविड जांच बढ़ाने के साथ अगर संक्रमण के और मामले आते हैं तो हम आगे के कदमों पर निर्णय लेंगे। अभी कोई पाबंदी लागू करने की जरूरत नहीं है।’’ यह पूछने पर कि क्या केरल से लौट रहे अयप्पा श्रद्धालुओं पर कोई पाबंदी होगी, इस पर राव ने कहा कि अभी लोगों की आवाजाही तथा एकत्रित होने पर कोई पाबंदी नहीं है।