नई दिल्ली: कर्नाटक (Karnataka) के वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) को मनी लांड्रिंग मामले में 13 सितंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में रहना पड़ेगा. ईडी ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत में कर्नाटक कांग्रेस इकाई के दिग्गज नेता को पेश किया. हालाँकि ईडी ने शिवकुमार की 14 दिन की हिरासत मांगी थी.
कर्नाटक विधानसभा के सदस्य शिवकुमार के वकीलों- अभिषेक मनु सिंघवी और दायन कृष्णन ने हिरासत में लेकर पूछताछ करने की ईडी की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि वह जांच में शामिल हुए और कभी भागने की कोशिश नहीं की. वहीं ईडी ने दावा किया कि वह जांच से कतराते रहे और उसमें सहयोग नहीं किया तथा महत्त्वपूर्ण पद पर रहते हुए उनकी आय में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई थी.
ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल के एम नटराज और अधिवक्ता एन के मट्टा ने कहा कि शिवकुमार का आमना-सामना कई दस्तावेजों से कराना होगा और अवैध संपत्तियों के खुलासे के लिए उन्हें हिरासत में लेने की जरूरत है. एजेंसी ने कहा कि शिवकुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है क्योंकि वह कुछ तथ्यों से अवगत हैं तथा उन्होंने जांच को दूसरी दिशा में मोड़ने की कोशिश की.
मनी लांड्रिंग मामले में केन्द्रीय जांच एजेंसी शिवकुमार से पिछले कई दिनों से पूछताछ कर रही थी. जिसके बाद उन्हें कल रात धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया.
Delhi's Rouse Avenue court sends Karnataka Congress leader DK Shivakumar to Enforcement Directorate remand till 13th September. (File pic) pic.twitter.com/HD5nLznCjH
— ANI (@ANI) September 4, 2019
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कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिवकुमार 2016 में हुए नोटबंदी के बाद से ही आयकर विभाग और ईडी के रडार पर हैं. कथित मनी लॉन्डरिंग का मामला दो अगस्त, 2017 को तब सामने आया, जब आयकर की टीम ने नई दिल्ली में शिवकुमार के फ्लैट पर छापा मारा, और 8.59 करोड़ रुपये बेहिसाबी नकदी जब्त की. जिसके बाद उन पर और चार अन्य के खिलाफ आयकर अधिनियम 1961 की धारा 277 व 278 के तहत और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 (बी), 193 और 199 के तहत मामला दर्ज किया गया.