बेंगलुरु, 25 जनवरी : पिछली भाजपा सरकार के दौरान सामने आए बिटकॉइन घोटाले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने एक पुलिस निरीक्षक और एक साइबर विशेषज्ञ को गिरफ्तार किया है. लोकसभा चुनाव से पहले इस घटनाक्रम में राजनीतिक मोड़ आने की संभावना है, क्योंकि इस घोटाले में राज्य के प्रमुख राजनेताओं की संलिप्तता का संदेह है. पुलिस सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि आरोपियों को घोटाले से जुड़े सबूत नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. एसआईटी अधिकारियों ने बुधवार को पांच लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया था और सभी को हिरासत में लेने की संभावना थी.
सूत्रों ने बताया कि आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर और साइबर एक्सपर्ट को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा. एसआईटी टीम ने तीन उपाधीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया था. टीम ने कथित सरगना श्रीकी को भी पूछताछ के लिए बुलाया था. आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के तहत एसआईटी का गठन सितंबर 2023 में किया गया था. गृह मंत्री डॉ जी. परमेश्वर ने तब कहा था, ''हमने पिछली भाजपा सरकार के दौरान लाखों करोड़ रुपये के बंदरबांट के बारे में चर्चा की थी. अब हमने दोबारा जांच के आदेश दिए हैं. सीआईडी के तहत एसआईटी का गठन किया जा रहा है. घोटाले में तकनीकी, अंतरराज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय मामले शामिल हैं.'' यह भी पढ़ें : एमवीए ने प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाडी को सीट बंटवारे पर बातचीत के लिए आमंत्रित किया
सूत्रों ने तब कहा था कि बिटकॉइन घोटाला तब हुआ था, जब सीसीबी पुलिस ने 2020 में कथित इंटरनेशनल हैकर श्रीकृष्ण उर्फ श्रीकी को ड्रग्स बेचने के आरोप में बेंगलुरु में गिरफ्तार किया था. यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी हैकर का उपयोग करके, सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं ने उसे 2020 में हिरासत में घोटाला करने की "अनुमति" देकर भारी धन कमाया था.
जांच से पता चला कि आरोपियों ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और सरकारी वेब पोर्टल को हैक करके 11 करोड़ रुपये की हेराफेरी की थी. आरोपियों ने कथित तौर पर पैसे को बिटकॉइन में बदल दिया था और बेंगलुरु में ड्रग तस्करी को अंजाम दिया था.
जैसे ही घोटाला सामने आया, कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पिछले साल अपने ट्वीट्स की सीरीज में बिटकॉइन घोटाले को लेकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर हमला किया था. ''बसवराज बोम्मई की भूमिका और जिम्मेदारी क्या है?", सुरजेवाला ने सवाल उठाया था, जिससे बीजेपी की काफी फजीहत हुई थी.
उन्होंने कहा, ''बिटकॉइन घोटाले की परतें आखिरकार खुल रही हैं. भारत के गृह मंत्री और बोम्मई को जवाब देने दीजिए. तत्कालीन कर्नाटक भाजपा सरकार के तहत भारत के सबसे बड़े बिटकॉइन घोटाले की जांच के लिए एफबीआई भारत में है. अगर हां, तो राजनीतिक लोगों सहित जांच और संदिग्धों का विवरण जारी करें.'' सुरजेवाला ने कई सवाल किए, ''कितने बिटकॉइन चोरी हुए? और कितने मूल्य के चोरी हुए? कर्नाटक में कौन शामिल है? क्या चुराए गए बिटकॉइन हैकर श्रीकृष्ण के वॉलेट से ट्रांसफर किए गए थे?''
उन्होंने आगे पूछा, "इंटरपोल को सूचित क्यों नहीं किया गया? भाजपा सरकार ने इंटरपोल को लिखने के लिए 24 अप्रैल 2021 तक 5 महीने से अधिक समय तक इंतजार क्यों किया और वह भी 17 अप्रैल 2021 को श्री कृष्णा की रिलीज के बाद." उन्होंने सवाल किया, ''कर्नाटक भाजपा सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सूचित क्यों नहीं किया गया?''
आरडीपीआर, आईटी और बीटी मंत्री प्रियंका खड़गे ने कहा, "मेरा मानना है कि एफबीआई अरबों डॉलर के बिटकॉइन घोटाले की जांच के लिए दिल्ली में है. जैसा कि मैंने पहले कहा, अगर राज्य इस मामले की जांच करता है, तो बिटकॉइन घोटाले की कई परतें भाजपा के सामने आ जाएंगी.'' बोम्मई ने बाद में सुरजेवाला को घोटाले के संबंध में कोई भी जानकारी प्रस्तुत करने की चुनौती दी थी. उन्होंने कहा था, ''अपनी तरफ से मैंने विधानसभा में ही इस मुद्दे पर जवाब दे दिया है, अगर उनके (रणदीप सुरजेवाला) के पास इस मुद्दे पर कोई जानकारी है तो उन्हें दें. इसके बजाय ट्वीट करना निरर्थक है.''