कन्हैया कुमार ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा- दीपिका पादुकोण मोदी जी का कैंपेन कर रहीं थी तो देशभक्त और जेएनयू आईं तो देशद्रोही हो गईं
कन्हैया ने लोगों के सामने दिए अपने बयान में कहा कि सरेआम दीपिका की फिल्म न देखने की अपील की जा रही है. इसका मतलब यही है कि सरकार के लोग ही इस हिंसा में शामिल थे.
दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) हाल ही में जेएनयू यूनिवर्सिटी (JNU University) जाकर घायल छात्रों से मिली थी और साथ ही वहां छात्रों के साथ विरोध प्रदर्शन में भी शामिल हुईं थी. इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें जहां सराहा जा रहा है वहीं कई लोग उनकी निंदा भी कर रहे हैं. इतना ही नहीं, दीपिका के जेएनयू दौरे को लेकर अब उनकी फिल्म 'छपाक' के खिलाफ भी नेगेटिव कैंपेनिंग की जा रही है. ट्विटर पर फिल्म को ट्रेंड करवा कर इसे न देखने की गुजारिश की जा रही है. इस मामले के गर्माने के बाद अब पूर्व जेएनयू छात्र कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने दीपिका का समर्थन किया है.
कन्हैया ने लोगों के सामने दिए अपने बयान में कहा कि सरेआम दीपिका की फिल्म न देखने की अपील की जा रही है. इसका मतलब यही है कि सरकार के लोग ही इस हिंसा में शामिल थे. कन्हैया कुमार ने कहा, "हिंदी सिनेमा की एक अदाकारा जेएनयूआईं थी, कुछ नहीं, बोली नारा नहीं लगाईं, मोदी जी का नाम नहीं लिया, मोटा भाई (अमित शाह) का भी नाम नहीं लिया, उनका बेटा बीसीसीआई (BCCI) का सेक्रेटरी क्यों बन गया इसपर भी वो सवाल नहीं पूछी. कुछ नहीं बोलीं वो. आईं घायल विद्यार्थियों से मिलकर करके चुपचाप चली गईं. ये कहना शुरू कर दिए हम इनका फिल्म नहीं देखेंगे. तो मेरे मन में एक सवाल आया कि भाई वो किसी नाम ही नहीं ली, किसी पार्टी का नाम नहीं ली, किसी विचारधारा का नाम नहीं ली. किसी के खिलाफ नारा नहीं लगाया तो फिल्म क्यों नहीं देखेंगे? ये भी पढ़ें: JNU विवाद पर कंगना रनौत का बड़ा बयान, कहा- ये राजनीतिक मुद्दा नहीं, गुडों को गिरफ्तार करके 4-4 झापड़ दें
कन्हैया कुमार ने आगे कहा, "मतलब ये मानते हैं कि सरकार के जो समर्थक हैं इन्होंने ने ही जेएनयू में हिंसा की. फिर हमारे काबिल वाईस चांसलर अचानक से मीडिया के सामने अवतरित हुए. 70 दिन से आंदोलन चल रहा था वो कहां थे? हो सकता है अच्छे दिन के साथ सो रहे होंगे. उनका एड्रेस नहीं मिल रहा था. फिर वो आए और मीडिया से कहा कि जो ग्रेट पर्सनालिटीज घायलों से आकर मिल रहे हैं उनको उनसे भी मिलना चाहिए जिनकी पढ़ाई लिखाई बाधित है. इसका मतलब अपना काम नहीं कर पा रहे, अपना कार नहीं खरीद पा रहे तो पड़ोसी जब कार खरीद के लाया है तो कह रहे हैं कि इसका रंग अच्छा नहीं है. तो उन्हें याद दिलाएं कि ये सब आपका काम है. आपको जाकर विद्यार्थियों से बात करनी चाहिए कि पढ़ाई क्यों नहीं कर पा रहे हैं. दीपिका पादुकोण जब मोदी जी का कैंपेन कर रहीं थी तो देशभक्त थी जेएनयू में आ गईं थो देशद्रोही हो गईं. ये कितनी अजीब बात है."