कैराना उपचुनाव: बीजेपी की हार के बाद RLD नेता जयंत चौधरी बोले, 'जिन्ना हारा, गन्ना चला'

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा. एक तरफ जहां नूरपुर विधानसभा सीट पर सपा उम्मीदवार नईमुल हसन ने बीजेपी की उम्मीदवार अवनी सिंह को हराया. तो दूजे तरफ बीजेपी की मृगांका सिंह को राष्ट्रीय जनता दल की तबस्सुम हसन ने पछाड़ दिया है. वैसे तो कैराना लोकसभा उपचुनाव का रिजल्ट अभी घोषित नहीं हुआ है लेकिन बीजेपी की हार करीब-करीब पक्की मानी जा रही है. वहीं बीजेपी कैंडिडेट मृगांका सिंह ने हार स्वीकार भी कर ली है.

इस बार के चुनाव में तबस्सुम हसन को महागठबंधन का समर्थन प्राप्त था. उत्तर के इन दो सीटों को वर्चस्व की लड़ाई मानी जा रही थी. ऐसे में बीजेपी के हाथ कुछ न लगना आने वाले समय का साफ संकेत दे रहा है कि 2019 की राह इतनी आसान नहीं होने वाली है.

इस जीत के बाद अब विरोधी दलों ने बीजेपी पर हमला शुरू कर दिया है. बीजेपी के मुद्दों पर तंज कसते हुए राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने कहा है कि 'चुनाव में गन्ना चला, जिन्ना नहीं. उन्होंने कहा कि पार्टी में काम का श्रेय हर किसी को देना चाहिए लेकिन बीजेपी में सिर्फ एक ही व्यक्ति के आसपास यह सब घूमता है.

वहीं लगातार बीजेपी पर हमला करने वाले अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा कि कैराना और नूरपुर की जनता, कार्यकर्ताओं, उम्मीदवारों व सभी एकजुट दलों को जीत की हार्दिक बधाई! कैराना में सत्ताधारियों की हार उनकी अपनी ही प्रयोगशाला में, देश को बाँटने वाली उनकी राजनीति की हार है. ये एकता-अमन में विश्वास करने वाली जनता की जीत व अहंकारी सत्ता के अंत की शुरूआत है.

कैराना रहा सुर्खियों में

गौरतलब हो कि कैराना में सोमवार को हुए मतदान के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें आयी थीं. कैराना सीट पर कल 73 मतदान केन्द्रों पर पुनर्मतदान कराया गया था. बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के निधन के कारण कैराना सीट पर हुए उपचुनाव में उनकी बेटी मृगांका सिंह प्रत्याशी थी. इस सीट पर रालोद से तबस्सुम हसन मैदान में हैं जिन्हें सपा, बसपा और कांग्रेस का समर्थन भी प्राप्त था.

गौरतलब है कि 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में कैराना सीट पर बीजेपी के हुकुम सिंह जीते थे. हुकुम सिंह को इस चुनाव में कुल 565,909 मत मिले थे जबकि सपा की नाहिद हसन दूसरे नंबर पर रही थीं और उन्हें 32,9081 वोट मिले थे. बसपा के कुंवर हसन तीसरे स्थान पर आए थे और उन्हें 16,0444 वोट मिले थे.

कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव पर देश के राजनीतिक दलों की निगाहें हैं क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे इस चुनाव की नतीजे देश की सियासत को नया संदेश देने वाले हैं. गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव से विपक्षी दलों का गठबंधन बना.