
Justice Yashwant Varma Cash Scandal: सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय इन-हाउस जांच समिति ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को उनके आवास पर कथित रूप से मिली बेहिसाब नकदी के मामले में दोषी ठहराया है. इस रिपोर्ट को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना को सौंप दिया गया है. सूत्रों के अनुसार, अब न्यायमूर्ति वर्मा के पास या तो इस्तीफा देने का विकल्प है या फिर उनके खिलाफ महाभियोग की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी जाएगी.
सूत्रों ने बताया, "रिपोर्ट में उन्हें दोषी पाया गया है. प्रक्रिया के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें तलब किया है. पहला विकल्प दिया गया है कि वे स्वयं इस्तीफा दें. यदि वे इस्तीफा नहीं देते हैं, तो यह रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजी जाएगी, जिसमें महाभियोग की सिफारिश की जाएगी." सूत्रों के अनुसार, न्यायमूर्ति वर्मा को प्रतिक्रिया देने के लिए 9 मई, शुक्रवार तक का समय दिया गया है.
जांच समिति का गठन और रिपोर्ट
यह जांच समिति CJI संजीव खन्ना द्वारा 22 मार्च को गठित की गई थी, जिसमें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति अनु शिवरामन शामिल थे. इस समिति ने 25 मार्च से जांच शुरू की थी और 4 मई को अपनी रिपोर्ट मुख्य न्यायाधीश को सौंपी.
आगजनी और बेहिसाब नकदी की बरामदगी
14 मार्च की शाम को न्यायमूर्ति वर्मा के दिल्ली स्थित आवास पर आग लग गई थी. दमकल कर्मियों ने आग बुझाते समय वहां कथित रूप से बड़ी मात्रा में जली हुई नकदी बरामद की. उस समय न्यायमूर्ति वर्मा और उनकी पत्नी दिल्ली में नहीं थे, वे मध्यप्रदेश में यात्रा पर थे. घर में केवल उनकी बेटी और वृद्ध मां मौजूद थीं.
Justice Yashwant Varma indicted by in-house panel; has to resign or face…
Read details: https://t.co/0dLCNnPGbt pic.twitter.com/S8pgVH4awm
— Bar and Bench (@barandbench) May 7, 2025
इस घटना के बाद एक वीडियो सामने आया जिसमें नकदी के बंडल आग में जलते हुए दिखाई दिए. इस वीडियो को दिल्ली पुलिस आयुक्त ने दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को सौंपा और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस वीडियो को सार्वजनिक भी किया. साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की प्रारंभिक रिपोर्ट और न्यायमूर्ति वर्मा का जवाब भी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी किया गया.
Supreme Court confirms cash found at Delhi HC Judge Yashwant Varma’s residence during fire, releases video footage
The images and video show a fireman pulling out half-burnt wads of cash in plastic bags.
“Mahatma Gandhi mein aag lag gayi (Mahatma Gandhi is on fire),” a person… pic.twitter.com/9ReYhEgmny
— The Indian Express (@IndianExpress) March 23, 2025
न्यायिक कार्य से अस्थायी रूप से दूर, बार एसोसिएशन का विरोध
घटना के बाद न्यायमूर्ति वर्मा को उनके मूल हाईकोर्ट – इलाहाबाद हाईकोर्ट – भेज दिया गया, जहां हाल ही में उन्होंने पद की शपथ ली थी. हालांकि, CJI के निर्देश पर फिलहाल उनके न्यायिक कार्य को रोक दिया गया है. इस निर्णय के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने विरोधस्वरूप हड़ताल भी की थी.
FIR पर सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया
इन-हाउस जांच लंबित रहने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक स्तर पर न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने की याचिका को स्वीकार नहीं किया.
वरिष्ठ वकीलों से ली गई सलाह
जांच शुरू होने के तुरंत बाद न्यायमूर्ति वर्मा ने वरिष्ठ वकीलों की एक टीम से सलाह ली थी. इनमें वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल, अरुंधति काटजू, तारा नरूला, स्तुति गुर्जल और एक अन्य अधिवक्ता शामिल थे, जिन्होंने उनके आवास पर जाकर चर्चा की थी.