रांची, 11 अक्टूबर : झारखंड सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं, वरिष्ठ नागरिकों, रिटायर्ड सैन्य कर्मियों, विधवाओं, एचआईवी संक्रमितों और मान्यता प्राप्त झारखंड आंदोलनकारियों को बड़ी राहत दी है. इन सभी को गांवों से प्रखंड, अनुमंडल, जिला मुख्यालय और नजदीकी शहरों तक आने-जाने के लिए छोटे-बड़े यात्री वाहनों में किसी तरह का किराया नहीं देना पड़ेगा. इस रियायत का लाभ उठाने के लिए अधिकृत संस्थाओं की ओर से जारी परिचय पत्र साथ रखना जरूरी होगा.
सरकार ने इस निर्णय को मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के तहत लॉन्च करने को मंजूरी दे दी है. इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में यात्री वाहनों का संचालन करने पर रोड और परमिट टैक्स में बड़ी राहत दी जायेगी. इसके अलावा गाड़ियों की खरीदारी के लिए रियायती ऋण एवं कुछ अन्य तरह की छूट की व्यवस्था की गई है. कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहूलियत देना और ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए परिवहन सेवा को सुगम बनाना है. यह भी पढ़ें : Mahakal Corridor Inauguration: उज्जैन में ‘महाकाल लोक’ का उद्घाटन आज, 40 देशों में होगा लाइव प्रसारण
योजना के तहत ग्रामीण मार्ग को परिभाषित किया गया है. इस श्रेणी में वे सड़कें आयेंगी, जो गांव को शहर या दूसरे गांव से या गांव को प्रखंड या अनुमंडल मुख्यालय से जोड़ती हैं. इसमें अधिकतम 30 किलोमीटर की दूरी तक का पैमाना निर्धारित किया गया है. योजना के तहत ग्रामीण इलाकों को शहरों से जोड़ने के लिए 7 से लेकर 42 सीटर तक गाड़ियां चलाई जाएंगी. इन गाड़ियों को रोड टैक्स, परमिट टैक्स और रजिस्ट्रेशन टैक्स के तौर पर सिर्फ एक रुपये की टोकन मनी देनी होगी. इस योजना का लाभ पहले से चल रही गाड़ियों के संचालक भी निर्धारित शर्तें पूरी कर उठा सकेंगे.