Jharkhand: झारखंड हाईकोर्ट ने दलबदल मामले में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की याचिका खारिज की
झारखंड हाईकोर्ट ने दलबदल के मामले में झारखंड भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की याचिका खारिज कर दी है. मरांडी ने झारखंड विधानसभा के स्पीकर के यहां दलबदल मामले में चल रही कार्यवाही को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
रांची, 24 जनवरी : झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने दलबदल के मामले में झारखंड भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की याचिका खारिज कर दी है. मरांडी ने झारखंड विधानसभा के स्पीकर के यहां दलबदल मामले में चल रही कार्यवाही को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा कि स्पीकर का न्यायाधिकरण दलबदल से संबंधित मामले की सुनवाई में सक्षम है. जब तक केस स्पीकर के कोर्ट में है, तब तक हाईकोर्ट इसमें दखल नहीं दे सकता. गौरतलब है कि बाबूलाल मरांडी ने वर्ष 2019 का विधानसभा चुनाव अपनी झारखंड विकास मोर्चा की ओर से लड़ा था. चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर दिया था.
कांग्रेस की विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने इसे दलबदल का मामला बताते हुए झारखंड विधानसभा के स्पीकर के यहां शिकायत की थी. स्पीकर ने इस मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला अब तक सुरक्षित रखा है. बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर न्यायाधिकरण की कार्यवाही को नियमों के विपरीत बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि स्पीकर के न्यायाधिकरण ने न तो उनकी ओर से गवाही कराई और न ही प्रॉपर तरीके से उनको सुना और इस मामले में फैसला सुरक्षित कर रखा है. यह अनुचित है. यह भी पढ़ें : राहुल गांधी बोले- जो दिग्विजय सिंह जी ने कहा है मैं उससे बिल्कुल सहमत नहीं हूं, आर्मी पर हमें पूरा भरोसा
दूसरी ओर झारखंड विधानसभा की ओर से अधिवक्ता ने अपनी दलील में कहा कि संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर का न्यायाधिकरण किसी विधायक को डिसक्वालीफाई करने का निर्णय लेने में सक्षम है. हाइकोर्ट इसमें इंटरफेयर नहीं कर सकता है. बाबूलाल मरांडी के दलबदल मामले में स्पीकर के न्यायाधिकरण में जब तक कोई आदेश न हो जाये तब तक झारखंड हाइकोर्ट इस रिट को नहीं सुन सकता है. हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद मरांडी की याचिका खारिज कर दी.