झारखंड: सीएम रघुवर दास ने अग्रवादियों को दी चेतावनी, कहा-आत्मसमर्पण करें नहीं तो पाताल से ढूंढ़कर मारेंगे

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गुरुवार को नक्सलियों को कड़ी चेतावनी देते हुए यहां कहा कि राज्य में अंतिम सांस ले रहे उग्रवादी आत्मसमर्पण करें और मुख्यधारा से जुड़ें, अन्यथा उन्हें पाताल से भी ढूंढ़कर मार दिया जाएगा

झारखंड मुख्यमंत्री रघुवर दास (Photo Credit- PTI)

बसिया: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास (Raghubar Das) ने गुरुवार को नक्सलियों को कड़ी चेतावनी देते हुए यहां कहा कि राज्य में अंतिम सांस ले रहे उग्रवादी आत्मसमर्पण करें और मुख्यधारा से जुड़ें, अन्यथा उन्हें पाताल से भी ढूंढ़कर मार दिया जाएगा. मुख्यमंत्री दास ने चुनाव प्रचार के लिए शुरू की गयी अपनी ‘जोहार जनआशीर्वाद’ यात्रा में यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमें भयमुक्त झारखण्ड बनाना है. इस कार्य में जो बाधक होगा, उससे सख्ती से निपटा जाएगा. उग्रवादी राज्य के विकास कार्य के बाधक हैं. वर्तमान सरकार ने 5 वर्ष के कार्यकाल में उग्रवादियों की कमर तोड़ने का कार्य किया है, इस बात का अनुमान आपको भी होगा. दास ने दो टूक कहा कि उग्रवादी आत्मसमर्पण करें, नहीं तो उन्हें सुरक्षाबल पाताल से भी ढूंढ़कर मार डालेंगे.

रघुवर दास ने कहा कि गुमला और सिमडेगा में राष्ट्रविरोधी शक्तियां सक्रिय हैं. ये शक्तियां नहीं चाहतीं कि आदिवासियों का विकास हो. इनका काम आपको गुमराह करना है। ये कहते हैं कि भाजपा की सरकार आपकी जमीन छीन लेगी, लेकिन 5 वर्ष के कार्यकाल में वर्तमान सरकार ने किसी की जमीन नहीं छीनी. ‘‘हम तो विकास के पक्षधर हैं और रहेंगे. मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे कांग्रेस के 60 साल के शासनकाल की तुलना 5 वर्ष के भाजपा के शासनकाल से करें. वर्तमान सरकार ने घर-घरबिजली, हर घर एलपीजी, स्वास्थ्य की सुविधा, सड़क, मुफ्त आवास समेत अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया है. यह भी पढ़े: झारखंड में बड़ा नक्सली हमला: सरायकेला में पुलिस टीम पर नक्सलियों ने बरसाई गोलियां, 5 पुलिसकर्मी शहीद

गुमला और सिमडेगा में गरीबी है, विकास से यह अछूता है. उन्होंने कहा कि यही वजह रही कि वर्तमान सरकार ने अतिरिक्त बजट का प्रवधान करते हुए सिमडेगा के विकास हेतु 50 करोड़ रुपये दिए. दास ने कहा कि यही कार्य अगर 60 साल सत्ता में रहने वाली कांग्रेस और झारखण्ड नामधारी पार्टियां करतीं तो सिमडेगा समेत पूरे राज्य की स्थिति कुछ और होती. इन पार्टियों ने सिर्फ और सिर्फ आदिवासियों के नाम पर, गरीबों के नाम पर राजनीति कर अपना स्वार्थ साधा. उन्होंने लोगों से कहा, ‘‘आपने एक मजदूर को राज्य का मुखिया बनाया. तब से लेकर अब तक यह मजदूर राज्य की जनता के कल्याण में जुटा है. बस उन कार्यों का लेखा-जोखा आपके समक्ष रखने आया हूं, क्योंकि लोकतंत्र में आप ही सर्वोपरि हैं.

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