झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: भारतीय जनता पार्टी 28 आदिवासी सीटों पर जीत के लिए कर रही खास तैयारी
झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 (Jharkhand Assembly Election 2019) झारखंड में आदिवासी बहुल 28 सीटों पर जीत के लिए भाजपा खास तैयारी में जुटी है. पांच महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में सामान्य सीटों की तुलना में आरक्षित पांच सीटों पर हुई जीत में वोटों के कम अंतर को देखते हुए भाजपा विधानसभा चुनाव में सजग है. इसके लिए पार्टी की ओर से आदिवासियों के बीच जाकर उनके लिए संचालित योजनाएं गिनाई जा रही हैं. पहली बार राज्य में रघुबर दास के रूप में गैर आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर कहीं इस चुनाव में आदिवासी भाजपा के खिलाफ न जाएं
झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 (Jharkhand Assembly Election 2019) झारखंड में आदिवासी बहुल 28 सीटों पर जीत के लिए भाजपा खास तैयारी में जुटी है. पांच महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में सामान्य सीटों की तुलना में आरक्षित पांच सीटों पर हुई जीत में वोटों के कम अंतर को देखते हुए भाजपा विधानसभा चुनाव में सजग है. इसके लिए पार्टी की ओर से आदिवासियों के बीच जाकर उनके लिए संचालित योजनाएं गिनाई जा रही हैं. पहली बार राज्य में रघुबर दास के रूप में गैर आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर कहीं इस चुनाव में आदिवासी भाजपा के खिलाफ न जाएं, इसके लिए पार्टी ने आदिवासी नेताओं को सब कुछ दुरुस्त करने की जिम्मेदारी दी है. प्रमुख आदिवासी चेहरों में शुमार केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा और उनकी टीम की ओर से आदिवासी सीटों पर जीत के लिए रणनीति बनाई जा रही.
मुख्यमंत्री रघुबर दास पूर्व में अपनी जनआशीर्वाद यात्रा की शुरुआत संथाल क्षेत्र से कर आदिवासियों को रिझाने की कोशिश कर चुके हैं. आदिवासी क्षेत्रों में जाकर भाजपा कार्यकर्ता जाकर बता रहे कि रघुबर सरकार में भूमिहीन आदिवासियों को सरकार ने वनाधिकार पट्टे देने शुरू किए, ताकि राज्य में एक भी आदिवासी भूमिहीन न रहे. और भी कई योजनाएं आदिवासियों के लिए लागू की गईं. मसलन, आदिम जनजाति समूह को मुख्यधारा में लाने के लिए परिवारों के एक विवाहित सदस्य को छह सौ रुपये पेंशन की व्यवस्था की गई. जनजातीय बटालियन का भी गठन हुआ है। 50 प्रतिशत से अधिक आदिवासी जनसंख्या वाले क्षेत्र में एकलव्य स्कूल भी खोलने पर रघुबर सरकार ध्यान दे रही.
राज्य में करीब 26 प्रतिशत आदिवासी मतदाता हैं. कुल 81 में से 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. संख्या के लिहाज से आदिवासी चुनावों में किंगमेकर माने जाते हैं. 2014 के विधानसभा में कुल 81 में से अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 28 विधानसभा सीटों में 13 सीटें भाजपा को मिलीं थीं, इतनी ही सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा को मिली थी. जबकि दो सीटों पर अन्य उम्मीदवार जीते थे. पिछली बार राज्य में कुल 37 सीटें जीतकर बहुमत से चूक जाने वाली भाजपा की बाद में झाविमो के छह विधायकों के विलय के बाद बहुमत से सरकार बनी थी. ऐसे में भाजपा आदिवासी बेल्ट की 28 सीटों में अधिक से अधिक जीतने की कोशिश में है.