जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: घाटी में लोकसभा के साथ नहीं होंगे विधानसभा चुनाव

2014 में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए थे. इस चुनाव में 87 सीटों वाली विधानसभा में पीडीपी को 28, बीजेपी को 25, कांग्रेस को 12, नेशनल कांफ्रेस को 15 सीटों पर सफलता मिली थी. बीजेपी की तरफ से राम माधव, जितेंद्र सिंह समेत कई रणनीतिकार सक्रिय हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद आगे आए और मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में सरकार बनाई थी.

ओमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती, (फोटो क्रेडिट: PTI)

चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) की घोषणा कर दी है. लोकसभा चुनाव आगामी 11 अप्रैल से कुल सात चरणों में संपन्न होगा. यह जानकारी मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में दी. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि चुनाव आयोग लोकसभा के साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा भी करेगा, मगर ऐसा हुआ नहीं. चुनाव आयोग ने कहा कि कश्मीर में विधानसभा चुनावों को लेकर फैसला आगे किया जाएगा.

आपको बता दें कि 2014 में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए थे. इस चुनाव में 87 सीटों वाली विधानसभा में पीडीपी को 28, बीजेपी को 25, कांग्रेस को 12, नेशनल कांफ्रेस को 15 सीटों पर सफलता मिली थी. बीजेपी की तरफ से राम माधव, जितेंद्र सिंह समेत कई रणनीतिकार सक्रिय हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद आगे आए और मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में सरकार बनाई थी.

लेकिन पीडीपी का कश्मीर के लोगों से वादा और बीजेपी का अपना राष्ट्रीय चेहरा दोनों दलों के बीच मतभेद का कारण बनते गया. बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में नीतियों के फेल होने, आतंकवाद बढ़ने, अमन-चैन में आई परेशानियों तथा राज्य में सरकार के स्तर पर हुई सभी विफलताओं का ठीकरा महबूबा मुफ्ती पर फोड़ दिया. पीडीपी और केंद्र सरकार में बढ़ते मनमुटाव की वजह से यह गठबंधन टूट गया.

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