Jammu and Kashmir: आतंकियों की अब खैर नहीं! ड्रोन, चॉपर, खोजी कुत्ते और स्पेशल फोर्स; पुंछ के गुनहगारों को ऐसे तलाश रही सेना

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में गुरुवार को हुए हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. कश्मीर में अब सेना के ट्रक पर हमला करने वाले आतंकियों की तलाश की जा रही है.

Indian Army (Photo: PTI)

पुंछ: जम्मू-कश्मीर के पुंछ (Poonch) में गुरुवार को हुए हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. कश्मीर में अब सेना के ट्रक पर हमला करने वाले आतंकियों की तलाश की जा रही है. इसके लिए स्पेशल टीम को लगाया गया है. इसमें हेलिकॉप्टर, ड्रोन और स्निफर डाॅग की भी मदद ली जा रही है. सेना ने आतंकियों के खिलाफ खोजो और मारो अभियान शुरू कर दिया है. J&K Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकी हमले के बाद सर्च ऑपरेशन जारी, 5 जवानों की गई है जान (Watch Video)

आतंकवादी हमले में पांच जवानों के शहीद होने के बाद बाटा-डोरिया क्षेत्र के घने जंगल में सुरक्षा बलों ने एक बड़ा तलाश अभियान शुरू किया है. नजर आते ही आतंकियों को खत्म करने का आदेश है. शुक्रवार को इस अभियान में ड्रोन और खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया गया, वहीं एक एमआई हेलिकॉप्टर ने घने वन क्षेत्र की टोह ली.

12 लोगों को हिरासत में लिया गया 

इस हमले के सिलसिले में शुक्रवार को कम से कम 12 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया. अधिकारियों ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों से आतंकवादी समूह की पहचान का पता लगाने के लिए विभिन्न स्तरों पर पूछताछ की जा रही है. माना जाता है कि आतंकवादी समूह एक साल से अधिक समय से क्षेत्र में सक्रिय था.

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और इलाके और उस वाहन का निरीक्षण किया, जिस पर हमला किया गया था. अधिकारियों के मुताबिक, पूरे इलाके को घेर लिया गया है और आतंकवादियों को खोजने के लिए ड्रोन एवं खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

हमले में शहीद हुए जवान राष्ट्रीय राइफल्स इकाई के थे और उन्हें इलाके में आतंकवाद रोधी अभियानों के लिए तैनात किया गया था. सूत्रों ने बताया कि संदेह है कि तीन से चार आतंकवादियों के एक समूह ने इस हमले को अंजाम दिया और उन्होंने किसी विस्फोटक, बम या ग्रेनेड का इस्तेमाल किया, जिससे वाहन में आग लग गई.

उन्होंने कहा कि समझा जाता है कि हमले को अंजाम देने वाले एक साल से अधिक समय से राजौरी और पुंछ में मौजूद थे और उन्हें इस दुर्गम इलाके का पर्याप्त ज्ञान था. उन्होंने बताया कि यह इलाका जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स (जेकेजीएफ) का गढ़ है और इसका 'कमांडर' रफीक अहमद उर्फ रफीक नाई इसी इलाके का रहने वाला है.

राजौरी और पुंछ में सक्रिय हैं आतंकवादी 

सूत्रों ने बताया कि फिलहाल राजौरी और पुंछ क्षेत्र में तीन से चार आतंकवादी समूह सक्रिय हैं.

सेना ने कहा कि जिस वाहन में जवान यात्रा कर रहे थे, वह अज्ञात आतंकवादियों के हमले की चपेट में आ गया और संभवत: ग्रेनेड की चपेट में आने के कारण उसमें आग लग गई. शुरुआती जांच के मुताबिक, हमला दोनों तरफ से किया गया और वाहन और एक जवान के शरीर पर गोलियों के निशान मिले हैं.

अधिकारियों के अनुसार, नियंत्रण रेखा के पास कड़ी सतर्कता बरती जा रही है और भीम्बर गली-पुंछ मार्ग पर यातायात रोक दिया गया है और लोगों को मेंढर के रास्ते पुंछ जाने की सलाह दी गई है.

शहीद हुए जवानों की पहचान हवलदार मंदीप सिंह, लांस नायक देबाशीश बस्वाल, लांसनायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकृष्ण सिंह और सिपाही सेवक सिंह के रूप में की गई है.

राजौरी में एक कार्यक्रम में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद, ओडिशा में पुरी जिले के अलगुम सामी गांव के लांस नायक देबाशीष के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए हवाई मार्ग से उनके पैतृक स्थान ले जाया गया. मंदीप सिंह, कुलवंत सिंह, हरकृष्ण सिंह और सेवक सिंह के पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से पंजाब में उनके पैतृक स्थानों पर भेजे जा रहे हैं.

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