नई दिल्ली: सब का साथ सबका विकास के तहत मोदी सरकार (Modi Government) ने मुस्लिम मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों और शिक्षक को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के मुताबिक मदरसों को अब मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जाएगा. जिसके तहत इन मदरसों में बच्चों को अरबी के साथ अंग्रेजी, गणित, विज्ञान दूसरी अन्य भाषाएं भी पढ़ाई जाएगी. मोदी सरकार के इसी फैसले का मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ ही जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) ने भी स्वागत किया है.
सरकार के इस फैसले के बाद मदरसों में पढ़ने वालों बच्चों को आधुनिक शिक्षा मुख्य धारा में शामिल किया जाएगा. इसके लिए मदरसों के शिक्षकों को खास ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वो अपने छात्रों को तकनीकी तौर पर भी तैयार कर सकें. उनको साहित्य के साथ ज्ञान-विज्ञान, कम्प्यूटर, इंटरनेट, ई-लर्निंग और स्मार्ट एजुकेशन सिस्टम से जोड़ सकें. इसके लिए केंद्रीय बजट में अलग से प्रावधान भी होगा, ताकि योजना जल्दी से अमल में आ जाए. सरकार के इसी फैसले का जमीयत उलेमा-ए-हिंद के जनरल सेक्रेटरी मौलाना महमूद मदनी ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि सरकार के इस कदम से देश का विकास होगा. जो हमेशा सरकार के ऐसे फैसले का स्वागत करेंगे. यह भी पढ़े: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 5 करोड़ अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स को देंगी स्कॉलरशिप, मुख्तार अब्बास नकवी ने की पुष्टि
Jamiat Ulema-e-Hind General Secretary Moulana Mahmood Madani on Madrasas to be linked to formal education: For the benefit of the country, all the sections of the society should be provided with equal opportunities, especially in education. We will always welcome such initiatives pic.twitter.com/WIw6W66GsX
— ANI (@ANI) June 12, 2019
बता दें मोदी सरकार जहां मुस्लिम मदरसों को मुख्य धारा में लाने के लिए अरबी के साथ-साथ जहां अन्य भाषा को पढ़ाने के लिए फैसला लिया है. वहीं मुस्लिम अल्पसंख्यक बच्चों की शिक्षा में सुधार के लिए अगले पांच साल में देश के पांच करोड़ बच्चो को स्कॉलरशिप दी जाएगी. सरकार के इस फैसले का भी मुस्लिम धर्म गुरुओं ने स्वागत किया है.