लंबे इंतजार के बाद ITR-2 और ITR-3 की Excel यूटिलिटी हुई एक्टिव, अब टैक्सपेयर्स कर सकते हैं ऑफलाइन रिटर्न फाइल

ITR Filing 2025 : सीबीडीटी ने आईटीआर-2 और आईटीआर-3 के लिए एक्सेल यूटिलिटी जारी कर दी है, जिससे टैक्सपेयर्स अब ऑफलाइन मोड में रिटर्न भर सकते हैं.

Tax Department Has Released ITR-2 And ITR-3 Excel Utilities.

ITR-2 and ITR-3 excel utilities : इनकम टैक्स रिटर्न भरने वाले टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी खबर है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आखिरकार आईटीआर-2 (ITR-2) और आईटीआर-3 (ITR-3) की एक्सेल यूटिलिटी (Excel Utility) को इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल (E-filing Portal) पर एक्टिव कर दिया है. अब टैक्सपेयर्स इन यूटिलिटीज को डाउनलोड करके अपने रिटर्न ऑफलाइन भर सकते हैं.

एक्सेल यूटिलिटी क्या है?

एक्सेल यूटिलिटी इनकम टैक्स विभाग द्वारा दिया गया एक ऑफलाइन टूल (Offline Tool) है, जिसकी मदद से आप बिना इंटरनेट के अपने टैक्स रिटर्न की जानकारी भर सकते हैं. इसमें आप अपनी आय, छूट, निवेश, टैक्स कटौती आदि सभी जरूरी जानकारियां दर्ज कर सकते हैं. जब सारी जानकारी भर ली जाती है, तो सबसे पहले आपको उसे सत्यापित (Validate) करना होता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई गलती या अधूरी जानकारी न हो.

इसके बाद यह यूटिलिटी एक विशेष फॉर्मेट में जेएसओएन फाइल (JSON File) तैयार करती है. फिर आपको यह जेएसओएन फाइल इनकम टैक्स के ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपलोड करनी होती है, जिससे आपका इनकम टैक्स रिटर्न सफलतापूर्वक जमा हो जाता है.

ऑनलाइन विकल्प अभी नहीं

इस समय आईटीआर-2 और आईटीआर-3 के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा इनकम टैक्स पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है. यानी जो टैक्सपेयर्स इन फॉर्म्स के अंतर्गत आते हैं, वह अभी ऑनलाइन मोड में अपना रिटर्न फाइल नहीं कर सकते है. फिलहाल केवल आईटीआर-1 (ITR-1) और आईटीआर-4 (ITR-4) फॉर्म ही पोर्टल पर सीधे ऑनलाइन भरे जा सकते हैं. हालांकि, इनकम टैक्स विभाग द्वारा जल्द ही आईटीआर-2 और आईटीआर-3 के ऑनलाइन विकल्प भी शुरू किए जाने की उम्मीद है, जिससे टैक्सपेयर्स को और अधिक सुविधा मिलेगी.

आईटीआर-2 एक्सेल यूटिलिटी कौन भर सकता है?

आईटीआर-2 फॉर्म उन व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUFs) के लिए है, जो आईटीआर-1 भरने के योग्य नहीं होते है, और जिनकी आय व्यापार या पेशे से नहीं होती है. यह फॉर्म उन टैक्सपेयर्स के लिए उपयुक्त है, जिनकी आय में 50 लाख रुपये से अधिक का वेतन, मकान का किराया, पूंजीगत लाभ (Capital Gains), 5,000 रुपये से अधिक की कृषि आय और अन्य स्रोतों (जैसे ब्याज) से हुई आय शामिल होती है.

ऐसे पात्र करदाता इनकम टैक्स पोर्टल से आईटीआर-2 की एक्सेल यूटिलिटी डाउनलोड करके उसमें सभी जरूरी जानकारियां भर सकते हैं. इसके बाद वे जेएसओएन फाइल बनाकर पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं. आकलन वर्ष 2025-26 (AY 2025-26) के लिए विभाग ने आईटीआर-2  में कई नए खुलासे (Disclosures) अनिवार्य किए हैं, जिनकी जानकारी आगे विस्तार से दी गई है.

आईटीआर-3 एक्सेल यूटिलिटी कौन भर सकता है?

आईटीआर-3 फॉर्म उन व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों के लिए होता है, जिनकी आय व्यवसाय या पेशे (जैसे- डॉक्टर, वकील, कंसल्टेंट, फ्रीलांसर आदि) से आती है, और जो 50 लाख रुपये से अधिक है. आकलन वर्ष 2025-26 में आईटीआर-3 में कई जरूरी बदलाव किए गए हैं. जैसे, अनुसूची ए.एल (Schedule AL) (संपत्ति और देनदारी) की रिपोर्टिंग की सीमा 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है. वहीं, पूंजीगत लाभ अनुसूची (Schedule Capital Gains) में अब यह बताना अनिवार्य होगा कि पूंजीगत लाभ 23 जुलाई 2024 से पहले हुआ है, या उसके बाद, क्योंकि इन दोनों स्थितियों में टैक्स दरें अलग-अलग होती हैं.

इसके अलावा, सेक्शन 80C की छूट से संबंधित जानकारी अब अधिक विस्तार से देनी होगी और टीडीएस (Tax Deducted at Source) की रिपोर्टिंग अब अलग-अलग सेक्शन के अनुसार करनी होगी. इन सभी बदलावों से आईटीआर-3 भरने की प्रक्रिया पहले से अधिक पारदर्शी और आसान हो जाएगी. जो टैक्सपेयर्स आईटीआर-3 के अंतर्गत आते हैं, वह इनकम टैक्स पोर्टल से एक्सेल यूटिलिटी डाउनलोड कर सकते हैं, उसमें अपनी जानकारी भर सकते हैं, और फिर जेएसओएन फाइल बनाकर पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं.

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