नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(ABVP) ने पंजाब सरकार (Punjab Government) की ओर से पंथ के आधार पर नए जिले मलेरकोटला की घोषणा करने का विरोध किया है. एबीवीपी के मुताबिक, यह निर्णय संविधान की भावना एवं मूल्यों के विरुद्ध है. राज्य सरकार को बेहतर प्रशासन तंत्र और आम जनता को बेहतर सुविधाएं पहुंचाने के लिए नये जिले बनाने का अधिकार है, परंतु सम्प्रदाय विशेष को खुश करने एवं राजनैतिक हितों को साधने के उद्देश्य से नए जिले की घोषणा करना संविधान के विरुद्ध एवं समाज को बांटने वाला कदम है. देहरादून: ABVP के सदस्य ने उड़ाई कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां, दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड वार्ड के अंदर पहुंचा- देखें वीडियो
एबीवीपी ने इस कदम को शर्मनाक बताते हुए कहा है कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने पांथिक आधार पर नया जिला बनाते हुये इसे ईद के दिन यह मुस्लिम समुदाय को भेंट बताया. अभाविप की पंजाब प्रांत मंत्री कुदरत जोत कौर ने कहा कि, "पंजाब सरकार पंथ के आधार पर लोगों को विभाजित करने का काम कर रही है. प्रदेश में स्वास्थ एवं शिक्षा क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन करने की आवश्यकता है पर पंजाब सरकार अपने राजनैतिक हित को साधने में लगी है."
अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति को हमेशा से बढ़ावा देती आयी है. साम्प्रदायिक आधार पर जिले की घोषणा करके कैप्टन अमरिंदर ने संविधान के साथ छलावा किया है. जिले की रचना कभी भी एक सम्प्रदाय बहुल शहरों को साथ जोड़ने से नहीं होती बल्कि सभी नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो एवं समस्याओं का त्वरित निवारण हो इस आधार पर की जाती रही है. कैप्टन सरकार का यह निर्णय सामाजिक सौहार्द की भावना को धूमिल करता है.