ISRO SSLV Launch: आज लॉन्च होगा देश का सबसे छोटा प्रक्षेपण यान-एसएसएलवी, यहां देखें लाइव प्रसारण
ISRO SSLV Launch (Photo: ISRO)

चेन्नई; देश के लिए आज बहुत बड़ा दिन है. अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत एक बार फिर अपनी प्रतिभा का झंडा गाड़ने जा रहा है. इसरो (Indian Space Research Organization) आज देश का नया रॉकेट लॉन्च करने जा रहा है. इसका नाम अब तक का सबसे छोटा रॉकेट होगा. जिसे एसएसएलवी (Small Satelite Launch Vehicle) नाम दिया गया है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने पहले लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान मिशन के साथ रविवार को एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह और एक छात्र उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा. इस ऐतिहासिक मिशन को यहां से लगभग 135 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से अंजाम दिया जाएगा.

अपने भरोसेमंद ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी), भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के माध्यम से सफल अभियानों को अंजाम देने में एक खास जगह बनाने के बाद इसरो लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) से पहला प्रक्षेपण करेगा, जिसका उपयोग पृथ्वी की निचली कक्षा में उपग्रहों को स्थापित करने के लिए किया जाएगा.

इसरो के वैज्ञानिक ऐसे छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए पिछले कुछ समय से लघु प्रक्षेपण यान विकसित करने में लगे हुए हैं, जिनका वजन 500 किलोग्राम तक है और जिन्हें पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जा सकता है.

एसएसएलवी 34 मीटर लंबा है जो पीएसएलवी से लगभग 10 मीटर कम है और पीएसएलवी के 2.8 मीटर की तुलना में इसका व्यास दो मीटर है. एसएसएलवी का उत्थापन द्रव्यमान 120 टन है, जबकि पीएसएलवी का 320 टन है, जो 1,800 किलोग्राम तक के उपकरण ले जा सकता है.

रविवार के मिशन में एसएसएलवी पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (ईओएस)-02 और एक सह-यात्री उपग्रह ‘आजादीसैट’ को ले जाएगा - जिसे 'स्पेस किड्ज इंडिया' की छात्र टीम द्वारा विकसित किया गया है.

इसरो के सूत्रों के अनुसार, अन्य अभियानों की तुलना में उलटी गिनती को 25 घंटे से घटाकर पांच घंटे कर दिया गया है और रविवार को इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से सुबह 9.18 बजे प्रक्षेपित किया जाएगा जिसके लिए उलटी गिनती रविवार को ही सुबह 4.18 बजे शुरू होने की उम्मीद है.

लगभग 13 मिनट की यात्रा के बाद, एसएसएलवी सबसे पहले ईओएस-02 को इच्छित कक्षा में स्थापित करेगा. इस उपग्रह को इसरो द्वारा डिजाइन किया गया है. एसएसएलवी इसके बाद ‘आज़ादीसैट’ को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेगा. यह उपग्रह आठ किलोग्राम का क्यूबसैट है, जिसे देश भर के सरकारी स्कूलों की छात्राओं द्वारा स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में डिजाइन किया गया है.

‘आज़ादीसैट’ में 75 अलग-अलग उपकरण हैं, जिनमें से प्रत्येक का वजन लगभग 50 ग्राम है. देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं को इन उपकरणों के निर्माण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया गया था जो 'स्पेस किड्स इंडिया' की छात्र टीम द्वारा एकीकृत हैं. ‘स्पेस किड्ज इंडिया’ द्वारा विकसित जमीनी प्रणाली का उपयोग इस उपग्रह से डेटा प्राप्त करने के लिए किया जाएगा.