ISRO ने अंतरिक्ष में फिर रचा इतिहास, निगरानी उपग्रह RISAT-2BR1 को किया लॉन्च
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने उपग्रह आरआइएसएटी-2बीआर1 (RISAT-2BR1) और नौ विदेशी उपग्रहों को दोपहर 3:25 बजे सफलता पूर्वक लॉन्च कर दिया. आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Centre SHAR) से लॉन्च किया गया. रिसैट-2बीआर1 का वजन करीब 628 किलोग्राम है जिसे 576 किलोमीटर कक्षा में 37 डिग्री पर स्थापित किया जाएगा. इस सैटेलाइट से भारत की ताकत और भी मजबूत हो जाएगी. इससे राडार इमेजिंग की ताकत में कई गुना इजाफा और दुश्मनों पर नजर रखना ज्यादा आसान हो जाएगा. पीएसएलवी- सी48 नौ अन्य व्यावसायिक उपग्रहों को भी ले गया है जिसमें छह अमेरिका के, एक-एक इस्राइल, इटली और जापान शामिल हैं.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने उपग्रह आरआइएसएटी-2बीआर1 (RISAT-2BR1) और नौ विदेशी उपग्रहों को दोपहर 3:25 बजे सफलता पूर्वक लॉन्च कर दिया. आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Centre SHAR) से लॉन्च किया गया. रिसैट-2बीआर1 का वजन करीब 628 किलोग्राम है जिसे 576 किलोमीटर कक्षा में 37 डिग्री पर स्थापित किया जाएगा. इस सैटेलाइट से भारत की ताकत और भी मजबूत हो जाएगी. इससे राडार इमेजिंग की ताकत में कई गुना इजाफा और दुश्मनों पर नजर रखना ज्यादा आसान हो जाएगा. पीएसएलवी- सी48 नौ अन्य व्यावसायिक उपग्रहों को भी ले गया है जिसमें छह अमेरिका के, एक-एक इस्राइल, इटली और जापान शामिल हैं.
बता दें कि इसरो ने इस रडार इमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह का वजन लगभग 628 किलोग्राम बताया है. भारतीय उपग्रह को 576 किलोमीटर की एक कक्षा में रखा जाएगा. इसकी उम्र पांच साल होगी. भारतीय उपग्रह अपने साथ चार देशों के नौ विदेशी उपग्रहों -अमेरिका (मल्टी-मिशन लेमूर -4 सैटेलाइट्स, टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेशन टायवाक-0129, अर्थ इमेजिंग 1हॉपसैट), इजरायल (रिमोट सेंसिंग डुचिफैट -3), इटली (सर्च एंड रेस्क्यू टायवाक-0092) व जापान (क्यूपीएस-एसएआर-रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जरर्वेशन सैटेलाइट) को भी लेकर रवाना हुआ है. यह भी पढ़ें:- इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने कहा- भारत दिसंबर 2021 तक अंतरिक्ष में भेजेगा मानव.
गौरतलब हो कि भारतीय सेना को उपग्रह आरआइएसएटी-2बीआर1 से काफी मदद मिलेगी. क्योंकि अब भारत के खिलाफ साजिश रचने वालों पर सीधे नजर रखी जा सकेगी. अब तक, इसरो ने 310 विदेशी उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया है और 11 दिसंबर का मिशन सफल होने पर यह संख्या 319 हो जाएगी.