कभी नहीं सुधरेगा पाकिस्तान, आतंकी घुसपैठ कराने के लिए बना रहा है यह प्लान
पाकिस्तान ने भारत के साथ रिश्ते सुधारने को लेकर किए खोखले दावों के बीच एक और नापाक साजिश रच रहा है. दरअसल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में आतंकी हमलें का षड्यंत्र बना रहा है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने भारत के साथ रिश्ते सुधारने को लेकर किए खोखले दावों के बीच एक और नापाक साजिश की तैयारी कर रहा है. दरअसल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में आतंकी हमलें का षड्यंत्र रच रही है. इसी काम को अंजाम देने के लिए आईएसआई ने 200 एंटी थर्मल जैकेट्स भी आतंकियों के लिए खरीद लिए है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की आईएसआई द्वारा दिए इन जैकेट्स को पहन कर जब आतंकी भारत में घुसेंगे, तो उन्हें पकड़ना मुश्किल होगा. ये जैकेट्स हेल्ड थर्मल इमेज यानी हैंड हेल्ड थर्मल इमेजर्स (एचएचटीआई) में साफ डिटेक्ट नहीं हो पाएंगी और भारतीय सेना ऐसी घुसपैठ का पता नहीं लगा पाएगी.
भारतीय खुफिया एजेंसी ने गृह मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है. गृह मंत्रालय को भेजे खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आईएसआई ने एंटी थर्मल जैकेट्स को पाकिस्तानी सेना के उन खास यूनिट को भी मुहैया कराई है, जो आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने के लिए सीमा पर मौजूद हैं. इस रिपोर्ट के बाद से सुरक्षा एजंसियां चौकस हो गई हैं.
खुफिया एजेंसीयों की इस रिपोर्ट की सच्चाई पर जम्मू के जब्बोवाल बीओपी से रिकॉर्ड किया गया एक वीडियो भी मुहर लगा रहा है. दरअसल सेना के एचएचटीआई में हाल ही में एक ऐसा वीडियो रिकॉर्ड हुआ था जिसे देखकर बीएसएफ अधिकारी हैरान हो गए. इस वीडियो से ये पता चल रहा था कि पाकिस्तान आतंकी घुसपैठ के लिए ऐसे कपड़ों का इस्तेमाल कर रहा है जो कि हैंड हेल्ड थर्मल इमेज में साफ डिटेक्ट नहीं हो रहा है. जिसके बाद बीएसएफ ने इसे टेक्निकल जांच के लिए भेज दिया.
एचएचटीआई सेना का है अचूक हथियार-
गौरतलब है कि घुसपैठ की घटनाओं को रोकने के लिए सेना हैंड हेल्ड थर्मल इमेजर का इस्तेमाल करती है. यह दिन-रात काम कर सकती है. यह डिवाइस बॉर्डर पर मानव या जीव की शरीर की गर्मी को डिटेक्ट कर उस चीज की आकृति को बता देता है. इस इमेजर की रेंज से अगर कोई भी व्यक्ति बार्डर क्रॉस करने की कोशिश करता है तो उसका पता सेना को चल जाता है. जिसके बाद घुसपैठ करने वालों के खिलाफ सेना कार्यवाई करती है. इस डिवाइस की सहायता से कई आतंकियों को मौत की नींद सुलाया जा चुका है.