Uttar Pradesh: जेलों में बंद कैदियों का जल्द होगा टीकाकरण
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, "जेल में रहने वाले कैदी संवेदनशील समूहों में आते हैं क्योंकि वे बैरक में एक-दूसरे के करीब रहते हैं और कई बार वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी संभव नहीं हो पाता है. बल्कि पिछले साल महामारी के कारण कई कैदी बीमार भी हुए थे."
लखनऊ, 19 मार्च : योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath government) जल्द ही राज्य की जेलों में बंद सभी कैदियों का टीकाकरण (Vaccination) करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने जा रही है. सूत्रों से पता चला है कि इस मामले में सरकार जैसे ही निर्णय लेगी एसओपी के लिए ड्राफ्ट तैयार करना शुरू हो जाएगा. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की केंद्रीय जेलों समेत कुल 74 जेलों में 1.16 लाख से अधिक कैदी बंद हैं. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, "जेल में रहने वाले कैदी संवेदनशील समूहों में आते हैं क्योंकि वे बैरक में एक-दूसरे के करीब रहते हैं और कई बार वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी संभव नहीं हो पाता है. बल्कि पिछले साल महामारी के कारण कई कैदी बीमार भी हुए थे." यह भी पढ़े: Coronavirus Updates: भारत में एक दिन में कोविड-19 के करीब 40 हजार नए मामले आए
गुरुवार को कानपुर की जेल के 10 कैदियों का कोरोनावायरस टेस्ट पॉजिटिव आया है. इससे पहले जनवरी में बस्ती में 117 कैदियों और कई जेल अधिकारियों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था. सिद्धार्थनगर, आगरा और झांसी की जेलों में भी ऐसे मामले सामने आए थे. हालांकि, पिछले साल लॉकडाउन के दौरान कई कैदियों को पैरोल पर घर भेजा गया था ताकि जेल के अंदर कैदियों की संख्या कम की जा सके.
एसओपी को लेकर सूत्रों ने कहा, "स्थानीय प्रशासन जेल परिसरों में टीकाकरण शिविर लगाएगा. साथ ही टीकाकरण के बाद किसी भी प्रतिकूल घटना की आशंका को देखते हुए कैदियों को अस्पताल ले जाने के लिए एंबूलेंस आदि भी तैयार रखी जाएंगी. हालांकि अब तक एक प्रतिशत से भी कम मामलों में लोगों ने किसी तरह के प्रतिकूल प्रभाव की बात कही है."
अधिकारी ने यह भी कहा कि कैदियों का डेटा राज्य के गृह विभाग और जिला अधिकारियों के पास पहले से ही उपलब्ध है. लिहाजा संख्या के आधार पर सभी कैदियों का 2 दिनों में टीकाकरण किया जा सकता है. सारी व्यवस्थाएं होने के बाद अगले हफ्ते कैदियों का टीकाकरण किया जा सकता है.
राज्य के गृह विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "एक भी मामला सामने आने पर रोगी के संपर्क में आए सभी लोगों का पता लगाने के लिए ढेर सारे टेस्ट करने पड़ते हैं, ऐसे में कैदियों का टीकाकरण करना तार्किक विचार है."