17.5 करोड़ रुपये का इंजेक्शन! दुर्लभ जानलेवा बीमारी जूझ रहा मासूम, इलाज के लिए पुलिसकर्मी जुटा रहे फंड

जयपुर: राजस्थान के धौलपुर में तैनात पुलिस सब इंस्पेक्टर नरेश शर्मा का 21 माह का बेटा हृदयांश गंभीर बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) से पीड़ित है. यह एक दुर्लभ और जानलेवा बीमारी है जो मांसपेशियों को कमजोर बनाती है और धीरे-धीरे शरीर को निष्क्रिय कर देती है.

इस बीमारी का एकमात्र इलाज एक इंजेक्शन (ZOLGENSMA INJECTION) है जिसकी कीमत लगभग 17.5 करोड़ रुपये है. यह इंजेक्शन दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन है. हृदयांश को बचाने के लिए, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नरेश शर्मा ने अन्य लोगों के साथ मिलकर फंड इकट्ठा करने का अभियान शुरू किया है.

अभियान को मिल रहा है भारी समर्थन

यह अभियान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों से भारी समर्थन मिल रहा है. कई हस्तियां और राजनेता भी इस अभियान में शामिल हो चुके हैं. अब तक, लगभग 1.5 करोड़ रुपये इकट्ठा किए जा चुके हैं.

नरेश शर्मा ने लोगों से अपील की है:

नरेश शर्मा ने लोगों से अपील की है कि वे इस अभियान में ज्यादा से ज्यादा योगदान दें और हृदयांश की जान बचाने में मदद करें. उन्होंने कहा कि हर छोटी-बड़ी मदद हृदयांश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

SMA के बारे में:

SMA एक अनुवांशिक बीमारी है जो मांसपेशियों को कमजोर बनाती है और धीरे-धीरे शरीर को निष्क्रिय कर देती है. यह बीमारी आमतौर पर बच्चों को होती है. SMA के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से टाइप 1 सबसे गंभीर होता है. टाइप 1 SMA से पीड़ित बच्चे आमतौर पर दो साल तक जीवित नहीं रह पाते हैं.

ZOLGENSMA INJECTION के बारे में:

ZOLGENSMA INJECTION SMA का एकमात्र इलाज है. यह इंजेक्शन जीन थेरेपी पर आधारित है. यह इंजेक्शन शरीर में एक स्वस्थ जीन की प्रतिलिपि डालता है जो SMA का कारण बनने वाले जीन को बदल देता है. यह इंजेक्शन बहुत महंगा है, लेकिन यह SMA से पीड़ित बच्चों के जीवन को बचा सकता है.