EPFO पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब कई गुना ज्यादा बढ़ जाएगी प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की पेंशन

सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दर्ज की गई भविष्य निधि संगठन (EPFO) की विशेष अपील को खारिज कर दिया है, जिसके बाद अब निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद ज्यादा पेंशन मिलेगी.

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Photo Credits: PTI)

अगर आप प्राइवेट सेक्टर (Private Sector)  में काम करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी और काम की है. जी हां, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए पेंशन में भारी बढ़ोत्तरी का रास्ता साफ कर दिया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दर्ज की गई कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) (Employees' Provident Fund Organisation) की विशेष अपील को खारिज कर दिया है, जिसके बाद अब निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट (Retirement) के बाद ज्यादा पेंशन (Pension) मिलेगी. दरअसल, केरल हाईकोर्ट ने अपने फैसले में ईपीएफओ को ऑर्डर दिया था कि वह रिटायर हुए सभी कर्मचारियों को उनकी पूरी सैलरी के हिसाब से पेंशन दे और इसी फैसले के खिलाफ ईपीएफओ ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

बता दें कि केरल हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में भविष्‍य निधि संगठन से कहा था कि रिटायर होने वाले कर्मचारियों को उनकी अंतिम सैलरी के आधार पर पेंशन मिलनी चाहिए. जबकि ईपीएफओ एक निर्धारित सीमा में ही कर्मचारियों को पेंशन देता है. अभी तक ईपीएफओ अधिकतम 15,000 हजार रुपए तक की सैलरी को आधार बनाते हुए ही पेंशन देता है.  यह भी पढ़ें: मोदी सरकार ने करोड़ों नौकरीपेशा लोगों को दी एक और सौगात, पीएफ पर ब्याज दरें 0.10 फीसदी बढ़ाई

साल 2014 में किया गया था संशोधन

साल 2014 में ईपीएफओ ने संशोधन करते हुए निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की पेंशन की गणना 6400 की बजाय 15000 के रुपए के आधार पर करने को मंजूरी दी थी. हालांकि इस संशोधन में यह पेंच भी फंसा दिया गया था कि पेंशन की गणना कर्मचारी की पिछले पांच साल की औसत सैलरी के आधार पर की जाएगी, जबकि इससे पहले यह गणना रिटायरमेंट से पहले के एक साल के आधार पर की जाती थी.

इसके बाद यह मसला केरल हाईकोर्ट तक जा पहुंचा और कोर्ट ने अपने फैसले में पांच साल वाली बाध्यता को खत्म करते हुए पेंशन की गणना का आधार रिटायरमेंट से पहले के एक साल को निर्धारित किया. इस फैसले के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, जहां साल 2016 में कोर्ट ने पूरी सैलरी के आधार पर पेंशन देने का फैसला सुनाया. कुछ समय पहले ही ईपीएफओ ने केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रूख किया.

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने ईपीएफओ की याचिका खारिज करते हुए प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों की पेंशन में कई गुना बढ़ोत्तरी का रास्ता साफ कर दिया है. अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद जिन लोगों ने 1 सितंबर 2014 के बाद से काम करना शुरू किया है उन्हें भी फुल सैलरी पर ज्यादा पेंशन का लाभ मिलेगा.

ऐसे चेक करें अपना पीएफ अकाउंट

अगर आप सालों से नौकरी कर रहे हैं और यह जानना चाहते हैं कि आपके पीएफ अकाउंट में कितनी रकम जमा हुई है तो आप घर बैठे ऑनलाइन इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. आप कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट https://www.epfindia.gov.in ऑनलाइन चेक कर सकते हैं.

इस बेबसाइट को खोलने के बाद ई-पासबुक पर क्लिक करें. इसके बाद आपसे UAN नंबर समेत दूसरी जानकारियां मांगी जाएंगी, जानकारी भरने के बाद एक नया पेज खुलेगा. इस पेज पर जाने के बाद आप अपना ई-पासबुक चेक कर सकते हैं और अपने पीएफ अकाउंट में जमा राशि की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. यह भी पढ़ें: EPFO की बैठक आज, PF की नई दरों पर फैसले से 6 करोड़ लोगों को मिल सकती है राहत

आप अपने अकाउंट बैलेंस को इस आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन चेक कर सकते हैं. इसके अलावा इसके लिए मोबाइल ऐप भी बनाया गया है, जिसका नाम UMANG है. इस ऐप के जरिए भी आप अपने पीएफ अकाउंट बैलेंस की जानकारी घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं.

बता दें कि पीएफ में आपकी सैलरी से 12 फीसदी रकम कटती है और 12 फीसदी रकम का योगदान कंपनी की तरफ से दिया जाता है. कंपनी की ओर से जो योगदान मिलता है उसमें से 8.33 फीसदी ईपीएस पेंशन योजना में जाता है और बाकी 3.67 फीसदी ईपीएफ में जाता है.

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